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प्रभात खबर खास: बिहार में तेजी से फैल रहा एड्स, 1.38 लाख युवाओं की जांच में 1050 युवा HIV पॉजिटिव

रविशंकर उपाध्यायपटना : राज्य के 15-24 साल के युवकों में एड्स की बीमारी तेजी से फैल रही है. 2018-19 के दौरान जब 1.38 लाख युवाओं की जांच की गयी तब उनमें 1050 युवा एचआइवी पॉजिटिव पाये गये. बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के आंकड़े बता रहे हैं कि एचआइवी जांच में एक फीसदी नवयुवकों में […]

रविशंकर उपाध्याय
पटना :
राज्य के 15-24 साल के युवकों में एड्स की बीमारी तेजी से फैल रही है. 2018-19 के दौरान जब 1.38 लाख युवाओं की जांच की गयी तब उनमें 1050 युवा एचआइवी पॉजिटिव पाये गये. बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के आंकड़े बता रहे हैं कि एचआइवी जांच में एक फीसदी नवयुवकों में यह लाइलाज बीमारी पायी गयी. युवाओं में एड्स का सबसे प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध और नशे के लिए लगायी जाने वाली सुई से होने वाले इन्फेक्शन हैं.

यह आंकड़े चौंकाने वाले इसलिए हैं क्योंकि अब तक राज्य में एड्स रोगियों में सबसे ज्यादा संख्या विभिन्न राज्यों में काम करने के लिए जाने वाले मजदूरों के थे, जिनसे उनकी पत्नियों को भी यह बीमारी हो जाती थी और उनसे होने वाले बच्चे भी एड्स से पीड़ित हो जाते थे. युवाओं में फैल रही यह बीमारी बता रही है कि प्रदेश के युवा हाइ रिस्क जोन में हैं, जिनके लिए खास तौर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.
73 फीसदी युवाओं में इस बीमारी को लेकर है अज्ञानता
एड्स कंट्रोल सोसाइटी का अध्ययन बताता है कि एचअाइवी पॉजिटिव पाये गये युवाओं में ज्यादातर ने किशोरावस्था में ही असुरक्षित यौन संबंध बनाया है. इसमें एक से ज्यादा पार्टनर वाले भी युवा शामिल हैं. 73 फीसदी युवाओं में इस बीमारी के फैलने को लेकर अज्ञानता और गलतफहमी है. शारीरिक रूप से युवा हो रहे लड़कों में व्यस्कों की तुलना में सेक्सुअल ट्रांसमीटेड इन्फेक्शंस ज्यादा तेजी से फैल रहे हैं, इसमें भी लड़कियां ज्यादा हैं. इस विषय पर खुलकर बात नहीं होने से एड्स की बीमारी फैल रही है.
कुल 1.38 लाख युवाओं की हुई थी एचआइवी जांच, एक फीसदी में पायी गयी बीमारी
वर्ग कुल जांच एचआइवी पॉजिटिव
गर्भवती महिलाएं 32.48 लाख 689
नवयुवक 1.38 लाख 1050
अन्य वर्गों के लोग 6.94 लाख 11000
बिहार में अब तक कुल चिह्नित एचआइवी संक्रमित 1.03 लाख हैं
पहला एचआइवी पॉजिटिव नवादा में 1992 में पाया गया था.असुरक्षित यौन संबंध से 94 फीसदी, संक्रमित माता से उनके होने वाले 3 फीसदी बच्चों में होता है यह रोग, संक्रमित खून से 0.1 फीसदी और संक्रमित सूई से 0.9 फीसदी को एड्स होता है
एड्स के मुख्य लक्षण
थकान होना, वजन कम होना, अधिक खांसी और अनियंत्रित बुखार, एक माह से ज्यादा समय तक दस्त, मुंह में बार बार छाले आना, बार बार बैक्टेरियल और फंगल इन्फेक्शन होना
बचाव
कंडोम का प्रयोग करना, पंजीकृत ब्लड बैंक से ब्लड लेना, नयी और स्टेरिलाइज्ड निडल व सीरिंज का प्रयोग करना और सभी गर्भवती मां की एचआइवी जांच कराना
राज्य में युवाओं में एड्स को लेकर अज्ञानता और गलतफहमी बरकरार है, जिसे खत्म करने के लिए हमने 391 कॉलेजों और संस्थानों में रेड रिबन क्लब बनाये हैं. हम इसी महीने राजधानी में 30 विश्वविद्यालयों के 200 से ज्यादा बच्चों को चार दिनों तक एक कार्यशाला के जरिये ट्रेनिंग दे रहे हैं. ये जाकर अपने-अपने क्षेत्र में युवाओं को जागरूक करने का काम करेंगे.
-मनोज सिन्हा, प्रबंधक, सूचना, शिक्षा और संचार, बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी

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