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पाकुड़ की लुखी मुर्मू की मौत की वजह : भूख या बीमारी?

पाकुड़ : प्रखंड क्षेत्र के घाघरजानी पंचायत के धोवाडंगाल गांव में एक आदिवासी महिला लुखी मुर्मू (32 वर्ष) की भूख से मौत का मामला सामने आया है. हालांकि जैसा की हमेशा से होता आया है. जिला प्रशासन इसे बीमारी से मौत बता रही है, जबकि मृतका की बहन और उसके करीबी मौत का कारण बीमारी […]

पाकुड़ : प्रखंड क्षेत्र के घाघरजानी पंचायत के धोवाडंगाल गांव में एक आदिवासी महिला लुखी मुर्मू (32 वर्ष) की भूख से मौत का मामला सामने आया है. हालांकि जैसा की हमेशा से होता आया है. जिला प्रशासन इसे बीमारी से मौत बता रही है, जबकि मृतका की बहन और उसके करीबी मौत का कारण बीमारी की वजह से काम नहीं कर पाने और घर में अनाज का दाना नहीं होना बता रहे हैं.

घटना के संबंध में लुखी की बहन फुलीन मुर्मू (13 वर्ष) जो अपनी दीदी के साथ रहती है. उसने बताया कि उसके घर में कोई कमाने वाला नहीं है. दीदी ही काम करके घर चलाती थी. दीदी के अलावा उसका कोई सहारा नहीं है. उसके घर में कोई पुरुष नहीं है. फुलीन ने बताया कि दीदी लुखी कई माह से बीमार थी, इस कारण काम नहीं कर पा रही थी.

जनवितरण प्रणाली से राशन कार्ड पर उसे सितंबर तक ही अनाज मिला. वह राशन कुछ दिन तक चला लेकिन बाद में अनाज खत्म हो गया. पिछले छह सात दिन से उसके घर में खाने का संकट था.

पंचायत जनप्रतिनिधियों ने भी इलाज को नहीं पहुंचाया अस्पताल

लुखी की मौत मामले में परिजनों और प्रशासन के अलग-अलग बोल हैं. बहरहाल, इतना तो सही है कि लुखी मुर्मू बीमार रहने के कारण काम नहीं कर पा रही थी और उसके घर में अनाज का संकट था. क्योंकि चार माह से राशन नहीं मिला था. अब यह जांच का विषय है कि लुखी की मौत भूख से हुई या बीमारी से. लेकिन परस्थितियां बता रही है कि लुखी व्यवस्था की मौत मरी है. क्या उसके लिए सरकार की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं थी? बीमार थी तो क्या गांव के जनप्रतिनिधि उसे सरकारी अस्पताल नहीं ले जा सकते थे? वहां उसका इलाज करवाया जा सकता था. बीपीएल थी तो अन्य सरकारी सुविधाएं भी मिलती.

जांच में दोषी पाये गये तो होगी कार्रवाई : डीएसओ

जिला आपूर्ति पदाधिकारी दिलीप कुमार तिवारी ने कहा कि महिला की मौत भूख से नहीं हुई है. उनकी मौत बीमारी के कारण हुई है. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के क्रम में मृतक के घर में चावल के अलावे गाय मिला. इतना ही नहीं उसके पास तीन बीघा जमीन भी है. इससे स्पष्ट होता है कि महिला की मौत भूख से नहीं हुई है. जहां तक डीलर द्वारा अनाज नहीं दिये जाने का मामला है, इसकी जांच बारीकी से की जा रही है. प्रारंभिक जांच में डीलर के दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जायेगी.

डीलर ने नहीं दिया अनाज

फुलीन बताती है कि दीदी के बीमार रहने के कारण जब घर में अनाज का संकट हो गया तो वह राशन कार्ड लेकर पीडीएस डीलर के पास गयी. लेकिन अंगूठा नहीं मैच करने के कारण डीलर ने अनाज नहीं दिया. सितंबर के बाद उसे राशन मिला ही नहीं. इस तरह चार माह से राशन नहीं मिलने के कारण उसके घर में खाने के लाले पड़ गये. एक तो दीदी बीमार थी, पैसे के अभाव में इलाज भी नहीं करवा पायी और दूसरी ओर भूखों रहने से स्थिति और बिगड़ गयी और मंगलवार की शाम दीदी की मौत हो गयी.

क्या कहते हैं ग्राम प्रधान

ग्राम प्रधान रावण हेम्ब्रम ने बताया कि लुखी मुर्मू के घर में अनाज की समस्या थी. वह बीमार चल रही थी और उसकी मौत भूख से हुई है. -रावण हेम्ब्रम

क्या कहती हैं मुखिया

मुखिया लुईसा हेम्ब्रम ने इस घटना को बीमारी से व भूख दोनों से मौत का कारण बताया है. उनका कहना था कि अगर अनाज मिल जाता तो शायद इसकी मौत नहीं होती. -लुईसा हेम्ब्रम

क्या कहते हैं डीलर

डीलर चैतन मरांडी ने बताया कि कल मृतक की छोटी बहन फुलीन मुर्मू आई थी. परंतु उनका ई-पॉस मशीन में फिंगर प्रिंट नहीं आया. बताया कि दो माह से वह राशन लेने के लिए आयी ही नहीं थी. अनाज लेने के लिए अगर वह आती तो निश्चित तौर पर अनाज दिया जाता. -चैतन मरांडी

पहुंचे सांसद, कहा : तंत्र ने ली लुखी की जान

राजमहल लोक सभा क्षेत्र के सांसद विजय हांसदा बुधवार को गांव पहुंच कर मामले की जानकारी ली. उन्होंने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें न्याय दिलाने का भी भरोसा दिलाया. सांसद श्री हांसदा ने मीडिया से कहा कि सरकार का तंत्र आज पूरी तरह फेल हो चुका है. जिसका नतीजा है कि इस महिला की भूख से मौत हुई है. इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को वह लोकसभा में भी रखेंगे. उपरोक्त मौके पर सांसद के साथ झामुमो के जिला उपाध्यक्ष अजीजुल इस्लाम, जिला सचिव समद अली, जिला प्रवक्ता शाहिद इकबाल, महावीर भगत सहित अन्य मौजूद थे.

13 वर्षीय फुलीन के सिर से उठा दीदी का साया

दीदी लुखी मुर्मू की मौत के बाद 13 वर्षीय फुलीन मुर्मू बेसहारा हो गयी है. उपरोक्त घटना के बाद फुलीन पर जो दुख का पहाड़ टुटा है, उसे बांटने वाला अब उस परिवार में और कोई भी नहीं है. गौरतलब हो कि मृतका लुखी मुर्मू अपने पांच बहनों में से सबसे बड़ी है. वर्षों पूर्व उसके माता-पिता के गुजर जाने के बाद लुखी मुर्मू सबसे बड़ी होने के बावजूद उन्होंने शादी नहीं की थी और माता-पिता का प्यार अपनी बहनों को दिया. छोटी-छोटी बहनों को काफी मेहनत से पालपोस कर बड़ा किया. जिसमें तीन बहनों की शादी वह अपनी मेहनत के बल पर करा चुकी है. सबसे छोटी 13 वर्षीय बहन फुलीन मुर्मू का भविष्य बनाने में वह जुटी थी.

इस बीच उसके निधन के कारण उसके सिर से दीदी का साया छिन लिया. पड़ोसियों से कई बार उधार लिया अनाज लुखी बीमार होने के बाद काम नहीं कर पा रही थी. जिस कारण वह घर में धान होने के बावजूद न तो उसका चावल बना पा रही थी और न ही कुछ काम कर अनाज का जुगाड़ ही कर पा रही थी. कुछ पड़ोसियों के घर से वह उधार में अपनी छोटी बहन के माध्यम से चावल भी मंगवा कर कई दिनों तक गुजारा किया. ग्रामीण बाबुधन मुर्मू के मुताबिक उनके घर से भी तीन-चार बार वह उधार में चावल ले गयी थी. इससे भी स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं लुखी मुर्मू के बीमार होने के बाद घर में अनाज की समस्या थी.

प्रशासन ने आनन-फानन में पहुंचाया अनाज

भूख से लुखी मुर्मू की मौत की खबर सुनते ही प्रशासन के कान खड़े हो गये. उपायुक्त के निर्देश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी दिलीप कुमार तिवारी ने बुधवार को गांव पहुंच कर वहां के ग्राम प्रधान, मुखिया, परिजन व अन्य ग्रामीणों से मामले को लेकर जानकारी ली. जांच-पड़ताल के बाद पिछले चार माह से उन्हें डीलर द्वारा अनाज नहीं दिये जाने की भी जानकारी मिली. जिसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने मृतका के घर चार माह का लगभग 60 किलो चावल पहुंचाया. इधर जांच के दौरान मौके पर बीडीओ गिरिजा शंकर महतो, एमओ नोरिक रविदास सहित अन्य मौजूद थे.

क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण बाबुधन मुर्मू ने कहा कि मंगलवार को संबंधित डीलर के पास मृतक की बहन अनाज लेने गयी थी. उस वक्त वह भी अनाज लेने के लिए खड़ा था. ई-पॉस मशीन में मृतका की बहन का अंगुठा का मिलान नहीं होने के कारण डीलर द्वारा अनाज नहीं दिया गया. जिसके बाद उन्होंने अनाज दिये जाने की विनती भी डीलर से की थी. कहा कि भूख के कारण ही उसकी मौत हुई है.

मृतका की चचेरी बहन नीरू मुर्मू ने बताया कि पहले से वह बीमार थी. परंतु चार माह से उसे राशन नहीं मिला है. जिससे कारण वो कई दिनों से भूखी थी. जिस वजह से उसकी मौत हो गयी.

रूसिल हेम्ब्रम ने बताया कि इनकी मौत भूख से हुई है. घर में चावल का दाना नहीं है.

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