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जाधव की फांसी पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, आइसीजे में भारत ने पाकिस्तान के एक-एक झूठ की खोली पोल

हेग : पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगानेवाली भारत की याचिका पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आइसीजे) में सुनवाई पूरी हो गयी है. आइसीजे ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने कहा है कि वह जल्द ही […]

हेग : पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगानेवाली भारत की याचिका पर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (आइसीजे) में सुनवाई पूरी हो गयी है. आइसीजे ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने कहा है कि वह जल्द ही इस मामले में अपना फैसला सुनायेगी और फैसले की जो भी तारीख तय की जायेगी उसकी जानकारी दोनों पक्षों को दे दी जायेगी.

भारतीय समयानुसार 1 बजकर 30 मिनट से भारत ने अपना पक्ष रखना शुरू किया और उसे 90 मिनट का समय दिया गया. शाम में आइसीजे के सामने पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखा और उसे भी 90 मिनट का समय दिया गया. इस मामले में भारत ने विएना समझौते का हवाला देते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगाने की मांग की. वहीं,पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, राजनयिक मदद पाने के लिए विएना समझौता के प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल एक जासूस पर लागू नहीं होते. सुनवाई के दौरान जब पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के कथित इकबालिया बयानवाले वीडियो को चलाने की इजाजत मांगी,तोकोर्ट ने इसकीइजाजत देने से इनकार कर दिया.

पाकिस्तान को नहीं मिली वीडियो चलाने की इजाजत
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने वीडियो चलाने की इजाजत मांगी थी, जिसमें कथित तौर पर जाधव को यह स्वीकार करते दिखाया गया है कि वह एक जासूस है. दरअसल, पाकिस्तान जासूसी गतिविधियों के लिए जाधव को भारत द्वारा भेजे जाने के अपने आरोपों का इससे समर्थन करना चाहता था. हालांकि, नयी दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि आइसीजे ने सुनवाई में यह वीडियो चलाने के लिए पाकिस्तान को इजाजत देने से इनकार कर दिया.

पाकिस्तान को बड़ा झटका : साल्वे
इस बीच, भारत के मुख्य वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान को वीडियो चलाने की इजाजत नहीं मिलना, इसलामाबाद के लिए एक झटका है. यह पूछे जाने पर कि क्या यह पाकिस्तान के लिए झटका है, साल्वे ने कहा, ‘बिल्कुल’. उन्होंने एक न्यूज चैनल से कहा, ‘यदि आप कुछ दिखाना चाहते हैं और यह आपके मामले में मदद करता है, लेकिन यदि आपको यह इजाजत नहीं मिलती है तो यह एक झटका है. इसलिए, उस मायने में, ‘हां’ (झटका है). वे इसे दिखाना चाहते थे और वह मौका छीन लिया गया.’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने इसकी इजाजत नहीं दी. हमने ऐतराज जताया और न्यायालय ने माना कि यह उचित नहीं है.’ साल्वे ने आइसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की इस दलील की भी आलोचना की कि भारत ने जाधव को भारतीय साबित नहीं किया है. साल्वे ने कहा कि उन लोगों ने न्यायालय में इस बात से विरोधाभासी दलीलें दी हैं.

भारत की आशंका,सुनवाई पूरी होने से पहले ही जाधव को फांसीपरलटका देगा पाक
साल्वे ने कहा, जाधव को बिना बताये ट्रायल शुरू कर दिया गया था. उन्होंने कहा, भारत को डर है कि कुलभूषण को सुनवाई पूरी होने से पहलेे ही कहीं फांसी न देदी जाये. साल्वे ने कहा, पाकिस्तान ने भारत के काॅन्सुलर एक्सेस को क्यों मना किया इसकी कोई वजह नहीं बतायी गयी. साल्वे ने कहा, जाधव को ईरान से किडनैप किया गया था. पाकिस्तान के कोर्ट में जाधव का ट्रायल मजाक था. उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने पिछले एक साल से जाधव की सेहत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. पाक मीडिया से जाधव के बारे में जानकारी मिली. पाकिस्तान ने इस मामले में अभी तक चार्जशीट नहीं दी है. साल्वे ने कहा कि भारत लगातार कॉन्सुलर एक्सेस का अनुरोध करता रहा, लेकिन पाकिस्तान बार-बार (16 बार) इससे इनकार करता रहा. भारत की ओर से लगातार कोशिशों के बावजूद जाधव को कानूनी मदद दिये बिना ही फांसी की सजा सुना दी गयी. पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को वीजा तक नहीं दिया और उनसे मिलने नहीं दिया. भारत ने कहा, कुलभूषण जाधव का कबूलनामा दबाव में लिया गया है. आइसीजे ने भारत की याचिका पर हेग अदालत ने मामले की सुनवाई तक पाकिस्तान से कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगाने को कहा था. हालांकि, पाकिस्तान ने हेग अदालत के फैसले को नहीं मानने का निर्णय लिया है.

पाक ने कहा, जाधव मामले में विएना संधि लागू नहीं होती
वहीं, पाकिस्तान ने कहा, जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. जाधव ईरान का बॉर्डर क्रॉस कर पाकिस्तान आया था. भारत जाधव पर लगे आरोप पर शांत रहा. भारत को इस मामले में कई सबूत दिये गये. एफआइआर की कॉपी भेजी गयी. कबूलनामेवाला वीडियो इस मामले का अहम सबूत है. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने आइसीजे में इस वीडियो को चलाने की इजाजत मांगी थी, जिसमें कथित तौर पर जाधव को यह स्वीकार करते दिखाया गया है कि वह एक जासूस है. दरअसल, पाकिस्तान जासूसी गतिविधियों के लिए जाधव को भारत द्वारा भेजे जाने के अपने आरोपों का इससे समर्थन करना चाहता था. पाकिस्तान ने कहा कि राजनयिक मदद पाने के लिए विएना समझौता के प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल एक जासूस पर लागू नहीं होते. पाकिस्तान ने कहा, जाधव मामले में विएना संधि लागू नहीं होती है. भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट का सियासी ड्रामे की तरह इस्तेमाल किया है. पाकिस्तान ने कहा कि जाधव की फांसी पर रोक लगाने के लिए बेवजह याचिका दाखिल की गयी है. भारत ने जाधव के पासपोर्ट की कॉपी दी थी. पासपोर्ट में कुलभूषण जाधव का दूसरा नाम था.

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