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ये क्या! भारत में तीसरी कक्षा के सिर्फ एक चौथाई बच्चे ही छोटी कहानी पढ़ और समझ पाते हैं

नयी दिल्ली : एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी पढ़ और समझ पाते हैं तथा दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं. गाय के गोबर से बने साबुन के साथ-साथ अब अमेजन पर मिलेगा मोदी-योगी […]

नयी दिल्ली : एक नयी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी पढ़ और समझ पाते हैं तथा दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं.

गाय के गोबर से बने साबुन के साथ-साथ अब अमेजन पर मिलेगा मोदी-योगी कुर्ता

‘ बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार के अपने राष्ट्रीय आकलन सर्वे में भी यह पता चला है कि इस तरह के बच्चों की बड़ी तादाद है, जिनमें सीखने का स्तर बेहद कम है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले केवल एक चौथाई बच्चे ही सामान्य वाक्यों वाली छोटी कहानी को पढ़ और समझ पाते हैं तथा एक या दो अंकों के घटाव के सवालों का हल कर पाते हैं.”

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रिपोर्ट में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2017 के आकडों का जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया है कि इस समस्या के सामने आने के बाद भारत और अन्य देशों में इस पर ध्यान दिया जाने लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा दिल्ली और राजस्थान की सरकारें इसमें सुधार करने की व्यवस्था कर रही हैं. भारत में नेता इस मुद्दे को एजेंडे में रख रहे हैं.

विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2018 में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

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