नयी दिल्ली : देश इस समय दो गैंगरेप मामले से शर्मसार हो रहा है. एक तो उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप के बाद पीडिता के पिता की हत्या मामला सुर्खियों में है. दूसरा धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बकरवाल समुदाय की आठ साल की एक लड़की से बलात्कार और हत्या मामला. इन दोनों मामले ने एक बार फिर दिल्ली में हुए निर्भया कांड की याद ताजा कर देती है.
इस समय कठुआ गैंगरेप मामले को लेकर जम्मू में तनाव पैदा हो गया है. एक ओर प्रशासन बलात्कारियों को सजा दिलाने में प्रयासरत है और वहीं दूसरी ओर वकीलों पर आरोप लग रहा है कि वे आरोपियों को बचाने में लगे हैं.
जम्मू-कश्मीर में बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में सोशल मीडिया पर भी गुस्सा नजर आ रहा है. खेल जगत से लेकर बॉलीवुड हस्तियों ने बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.
Shame on those, especially the lawyers, who are challenging and obstructing Deepika Singh Rajawat, the counsel of our victimised daughter from Kathua. बेटी बचाओ से अब क्या अब हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं? #kathuaHorror pic.twitter.com/V9jdAFFMl0
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 12, 2018
टीम इंडिया से बाहर चल रहे बायें हाथ के बल्लेबाज और आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के कप्तान गौतम गंभीर ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है. गौतम ने तो अपने ट्वीट में वहां के वकीलों को आड़े हाथ ले लिया जो आरोपियों को बचाने में लगे हैं. गौतम ने सवाल खड़ा किया और पूछा, बचाओ से अब क्या अब हम बलात्कारी बचाओ हो गए हैं?. गौतम ने पीडिता की वकील की तारीफ की और वैसे वकीलों को लताड़ा जो आरोपियों को बचाने में लगे हैं.
गौतम के अलावा इंडियन टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी इस मामले में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, क्या हम इस एक ऐसे देश के रूप में विश्व में पहचान बनाना चाहते हैं? अगर आज हम जेंडर, जाति, रंग और धर्म से परे इस 8 साल की बच्ची के लिए साथ खड़े नहीं हो सकते तो फिर कभी किसी चीज के लिए खड़े नहीं हो पाएंगे.. इंसानियत के लिए भी नहीं. यह खबर मुझे बीमार बना रही है.
* क्या है पूरा मामला और बवाल क्यों
दरअसल बकरवाल मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता दस जनवरी को यहां से 90 किलोमीटर दूर कठुआ के रासना गांव के पास के जंगलों में बने अपने घर से गायब हो गई थी.
एक सप्ताह बाद उसका शव पास के इलाके से मिला था और मेडिकल जांच में यौन उत्पीड़न का पता चला था. शुरुआती जांच में पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा था।बाद में मामला जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया था. दो आरोपपत्र दायर करने वाली अपराध शाखा टीम को उस समय मुश्किल समय का सामना करना पड़ा जब स्थानीय वकीलों ने उन्हें अदालत के सामने दस्तावेज पेश करने से रोकने का कथित रूप से प्रयास किया था.
पुलिस ने वकीलों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वकीलों के एक समूह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जिन्होंने प्रदर्शन किया और अपराध शाखा के अधिकारियों को ड्यूटी करने से रोकने का प्रयास किया.
* हत्या से पहले भी दरिंदों ने बच्ची को बनाया था हवस का शिकार
कठुआ मामले के आरोपपत्र से इस बात का खुलासा हुआ है कि आठ वर्षीय बच्ची को नशीली दवा दे कर रखा गया था और उसकी हत्या से पहले दरिंदों ने फिर से उसे हवस का शिकार बनाया था.
Is this really the kind of country we we want to be known as to the world today ?? If we can’t stand up now for this 8 year old girl regardless of our gender,caste,colour or religion then we don’t stand for anything in this world.. not even humanity.. makes me sick to the stomach pic.twitter.com/BDcNuJvsoO
— Sania Mirza (@MirzaSania) April 12, 2018
गौरतलब है कि इस बच्ची को जनवरी में एक हफ्ते तक कठुआ जिला स्थित एक गांव के एक मंदिर में बंधक बना कर रखा गया था और उससे छह लोगों ने कथित तौर पर बलात्कार किया था.
जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने यहां सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया. इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की बच्ची का अपहरण , बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी.
इसमें कठुआ स्थित रासना गांव में देवीस्थान , मंदिर के सेवादार को अपहरण , बलात्कार और हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. आरोपपत्र में कहा गया है कि बच्ची का शव बरामद होने से छह दिन पहले 11 जनवरी को किशोर ने अपने चचेरे भाई जंगोत्रा को फोन किया था और मेरठ से लौटने को कहा था , जहां वह पढ़ाई कर रहा था.
दरअसल , उसने उससे कहा कि यदि वह मजा लूटना चाहता है तो आ जाए. आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को लापता हो गई थी जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी। जांचकर्ताओं ने कहा कि आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया.
अपनी बच्ची के लापता होने के अगले दिन उसके माता पिता देवीस्थान गए और राम से उसका अता पता पूछा. जिसपर , उसने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई होगी. आरोपपत्र के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखने के लिए उसे अचेत करने को लेकर नशीली दवाइयां दी थी. बच्ची के अपहरण , हत्या और जंगोत्रा एवं खजुरिया के साथ उससे बार – बार बलात्कार करने में किशोर ने मुख्य भूमिका निभाई.

