31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आइपीएल अब स्वच्छ मनोरंजन नहीं रहा : हाईकोर्ट

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि युवा खिलाड़ी लोकप्रिय टी 20 क्रिकेट लीग आइपीएल में खेलकर सिर्फ धन कमाना चाहते हैं और विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के कथित उल्लंघन के मद्देनजर यह अब स्वच्छ मनोरंजन नहीं रहा. अदालत ने कहा, ‘युवा क्रिकेटर लोकप्रिय टी 20 क्रिकेट लीग खेलना चाहते हैं और एक टूर्नामेंट […]

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि युवा खिलाड़ी लोकप्रिय टी 20 क्रिकेट लीग आइपीएल में खेलकर सिर्फ धन कमाना चाहते हैं और विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के कथित उल्लंघन के मद्देनजर यह अब स्वच्छ मनोरंजन नहीं रहा.

अदालत ने कहा, ‘युवा क्रिकेटर लोकप्रिय टी 20 क्रिकेट लीग खेलना चाहते हैं और एक टूर्नामेंट में पांच से 10 करोड़ रुपये कमाना चाहते हैं और देश के लिये नहीं खेलना चाहते हैं.’ न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उसमें प्रवर्तन निदेशालय के निर्णय करने वाले प्राधिकार के जुलाई 2015 के आदेश को चुनौती दी गई है.

प्राधिकार ने फेमा के एक मामले में उन्हें गवाहों से जिरह की अनुमति देने से मना कर दिया था. ईडी ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 2009 के आईपीएल संस्करण में विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया था. ईडी के निर्णय करने वाले प्राधिकार ने बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों समेत सात गवाहों के बयान मोदी के खिलाफ दर्ज किये थे, लेकिन उन्हें उनसे जिरह करने की अनुमति नहीं दी थी.

मोदी की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय ने दलील दी कि अगर उन्हें गवाहों से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई तो उनके मौलिक अधिकारों का हनन होगा. अदालत ने अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि इतने छोटे मुद्दे के लिये मामले को इतना लंबा खींचने से किस उद्देश्य की पूर्ति होगी.

न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा, ‘यह मुद्दा लंबे समय से लंबित है. इसका क्या मतलब है. व्यापक जनहित विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के उल्लंघन को विफल करना है. गंभीर आरोपों के मद्देनजर हम महसूस करते हैं कि आईपीएल अब और स्वच्छ मनोरंजन नहीं रहा.’ उन्होंने कहा, ‘युवा क्रिकेटर सिर्फ आईपीएल में खेलना चाहते हैं और एक टूर्नामेंट में पांच से 10 करोड़ रुपये कमाना चाहते हैं और देश के लिये नहीं खेलना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर भविष्य में आपकी (ललित मोदी) की उपस्थिति की जरुरत होती है तो क्या आप भारत आने और इन कार्यवाहियों का सामना करने को तैयार हैं.’ चिनॉय ने हालांकि कहा कि मोदी (उनके वकीलों को) मौजूदा मामले में गवाहों से जिरह की अनुमति दी जानी चाहिये. पीठ याचिका पर मंगलवार को आदेश देगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें