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जब 102 बुखार में सुनील गावस्कर ने जड़ा था शतक

क्रिकेट जगत में सुनील मनोहर गावस्कर का नाम काफी सम्मान से लिया जाता है. वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ओपनर बल्लेबाजों में शुमार हैं. सुनील गावस्कर ने ब्रेडमैन का सर्वाधिक 29 शतक का रिकॉर्ड तोड़ा था. टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 34 शतक लगाने वाले सुनील गावस्कर ने जब रिटायरमेंट की घोषणा की थी, तो उस वक्त […]

क्रिकेट जगत में सुनील मनोहर गावस्कर का नाम काफी सम्मान से लिया जाता है. वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ओपनर बल्लेबाजों में शुमार हैं. सुनील गावस्कर ने ब्रेडमैन का सर्वाधिक 29 शतक का रिकॉर्ड तोड़ा था.

टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 34 शतक लगाने वाले सुनील गावस्कर ने जब रिटायरमेंट की घोषणा की थी, तो उस वक्त ऐसा कोई बल्लेबाज दूर-दूर तक नजर नहीं आता था, जो उनके रिकॉर्ड को तोड़ सके. लेकिन उनका यह रिकॉर्ड टूटा और गर्व की बात यह है कि रिकॉर्ड तोड़नेवाला और कोई नहीं बल्कि एक भारतीय क्रिकेटर है, जो खुद उनका फैन था.

जी हां हम बात कर रहे हैं, सचिन तेंदुलकर की. सचिन तेंदुलकर ने वर्ष 2005 में सुनील गावस्कर का सर्वाधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. गावस्कर एक ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्हें फॉस्ट बॉलिंग को खेलने में महारत हासिल थी. वेस्टइंडीज के जिन बॉलर्स के आगे लोग हेलमेट पहनकर भी खेलने से घबराते थे, उन्हें सुनील गावस्कर ने बिना हेलमेट के खेलकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया था.

सुनील गावस्कर की फास्ट बॉलर्स के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी देखकर लोग अचंभित थे. एक सामान्य कद का दुबला-पतला लड़का जब वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की गेंद को बाउंड्री के बाहर भेज देता था, तो लोग उस बल्लेबाज को नोटिस करने लगा और समय के साथ वह बल्लेबाज क्रिकेट का लिजेंड बन गया.

सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी. उन्होंने 1987 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया. सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट कैरियर में कई रिकॉर्ड बनाये. इस महान बल्लेबाज के क्रिकेट कैरियर का एक रिकॉर्ड यह भी है कि इन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तो 34 शतक जड़े, लेकिन एकदिवसीय मैच में इन्होंने मात्र एक सेंचुरी न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया था. जिस मैच में गावस्कर ने शतक जड़ा था, वह काफी खास हो गया था. इस मैच में सुनील गावस्कर को 102 डिग्री बुखार था, बावजूद इसके उन्होंने अपने बल्ले से शतक जड़ दिया था.

1987 के वर्ल्डकप में मैच को 60 ओवर से घटाकर 50 ओवर का कर दिया गया था. सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ भारी अंतर से जीत दर्ज करनी थी. यह मैच नागपुर में खेला जा रहा था. इस मैच के पहले जो मैच भारत ने जिंम्बाबे के खिलाफ खेला था, उसमें भारत को जीत तो मिली थी, लेकिन सुनील गावस्कर पर यह इल्जाम लग गया था कि उन्होंने टीम के रन रेट को गिरा दिया है.

गावस्कर ने उस मैच में 114 बॉल में 50 रन बनाये थे. ऐसे में परिस्थितियां काफी विकट थीं. भारत को 42.2 ओवर में 221 रन बनाकर न्यूजीलैंड को हराना था. कृष्णमाचारी श्रीकांत और सुनील गावस्कर जब पारी की शुरुआत के लिए आये, तो उन्होंने दो ओवर में 18 रन बनाये. वहीं 7.1 ओवर में गावस्कर ने 30 और श्रीकांत ने 17 रन बनाये थे.

भारत ने मात्र 14ओवर में सौ रन बना लिये थे. श्रीकांत 75 रन बनाकर आउट हो गये थे. लेकिन इस बात का दबाव गावस्कर ने नहीं लिया और तूफानी पारी खेलते रहे. गावस्कर ने 85 रन में सौ रन बनाये थे. विश्वकप के इतिहास में तब यह दूसरा तेजी से बनाया जानेवाला शतक था. उससे पहले क्लाइव लायड ने 1975 वर्ल्डकप के फाइनल में 82 बॉल में सौ रन बनाये थे.

गावस्कर की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को 32.1 ओवर में ही हरा दिया और सेमीफाइनल में प्रवेश किया. हालांकि सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने भारत को शिकस्त दे दी और अपने कैरियर के अंतिम मैच में अपने होम ग्राउंड पर गावस्कर मात्र चार रन ही बटोर पाये थे. हालांकि न्यूजीलैंड के साथ खेले गये मैच में गावस्कर और चेतन शर्मा को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया था.

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