नयी दिल्ली : भारत के साथ डोकलाम सीमा विवाद के उपजे आर्थिक संकट के बाद चीन के सुर बदले हुए दिखायी देने लगे हैं. भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर कई दिनों तक विवाद रहा. अब चीन की तरफ से कहा जा रहा है कि उसने डोकलाम विवाद को भूला दिया है और भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहा है. चीनी महावाणिज्य दूत मा झानवु ने यह बात कही है.
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झानवु का कहना है कि चीन और भारत डोकलाम प्रकरण को पीछे छोड़कर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये साथ मिलकर काम कर रहे हैं. चीनी महावाणिज्य दूत मा झानवु ने यह भी कहा कि साथ मिलकर काम करने से सहयोग और आदान-प्रदान को आगे बढ़ाया जा सकता है.
झानवु ने चीनी गणराज्य की स्थापना की 68वीं वर्षगांठ पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत और चीन साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इस संबंध को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इस पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शीन चिनफिंग की पांच सितंबर को बैठक हुई थी.
उन्होंने कहा कि जितना दोनों देश मिलकर काम करेंगे, हम उतना ही आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ाने और विकसित करने में सक्षम होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों देशों ने डोकलाम प्रकरण को पीछे छोड़ दिया है, तो झानवु ने कहा कि हां, हमने पीछे छोड़ दिया है और द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिये साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले पांच सितंबर को नौवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने सहमति जतायी थी कि दोनों देशों को अपने सुरक्षाकर्मियों के बीच सहयोग को मजबूत बनाने और डोकलाम जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए और प्रयास करने चाहिए.
चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 16 जून से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में तनातनी चल रही थी, जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को उस इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया था. यह विवाद लगभग 73 दिन चला था. ब्रिक्स सम्मेलन से पहले 28 अगस्त को भारतीय विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि नयी दिल्ली और बीजिंग ने विवादास्पद डोकलाम क्षेत्र से अपने-अपने सैनिकों को हटाने का फैसला किया है.