प्राथमिकी में बताया गया है कि प्रखंड की सभी पंचायतों में सामाजिक अंकेक्षण दल द्वारा मनरेगा कूपों की जांच की गयी थी़ जांच के बाद 6 मई 2017 को कसमार प्रखंड मुख्यालय में जनसुनवाई के दौरान यह तथ्य उभर कर सामने आया था कि कसमार प्रखंड के वेंडरों ने मनरेगा के तहत निर्माणाधीन कुछ कूपों में सामग्री की राशि प्राप्त कर लेने के बावजूद सामग्री उपलब्ध नहीं करायी. इस कारण आज तक सभी 15 पंचायतों में कुछ कूपों का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है़.
वर्तमान समय में अन्य वेंडरों व स्रोतों से सामग्री उपलब्ध कराकर पूर्ण कराया जा रहा है़ ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा जनसुनवाई के निर्णय के अनुसार ग्राम रोजगार सेवकों के द्वारा वेंडरों पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था़ इधर, कसमार के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भी 16 मई को रोजगार सेवकों को पत्र लिखकर वेंडरों पर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था़.