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हिमा दास सिर्फ मैदान पर जौहर नहीं दिखाती, शराब की दुकानें भी करवा चुकी हैं बंद…
नयी दिल्ली : ‘जब आपलोग सो रहे थे मैंने दुनिया जीत ली’, यह बात हिमा दास ने विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर का स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने पिता से फोन पर बात करते हुए कही. जब उसके पिता ने कहा कि हम सब तुम्हारी दौड़ देखने के लिए जाग रहे थे, […]
नयी दिल्ली : ‘जब आपलोग सो रहे थे मैंने दुनिया जीत ली’, यह बात हिमा दास ने विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर का स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने पिता से फोन पर बात करते हुए कही. जब उसके पिता ने कहा कि हम सब तुम्हारी दौड़ देखने के लिए जाग रहे थे, तो वह रोने लगी, यह बातें हिमा के पिता रंजीत दास ने टाइम्स अॅाफ इंडिया के साथ बातचीत में कही.
हिमा के पिता ने टाइम्स के साथ बातचीत में बताया कि हिमा ना सिर्फ एक खिलाड़ी है, बल्कि वह समाज के प्रति अपने दायित्वों को लेकर भी बहुत सक्रिय है. उसके अंदर मजबूत संकल्पशक्ति है और इसी के दम पर वह खेल के मैदान पर भी कमाल करती है. वह गलत कार्यों का विरोध करने में कभी घबराती नहीं, इसलिए हमेशा गांव के अवैध शराब दुकानों को बंद कराया.उसके तेवर से गांव वाले भलीभांति परिचित हैं, यही कारण है कि वे उसे ‘डिंग एक्सप्रेस’ के नाम से पुकारते हैं. हिमा के पिता बताते हैं कि जब मैं उसे गांव के बाहर ट्रेन से भेजने में डर रहा, तो उसने कहा था डरिए मत. मैं उससे प्रेरणा पाता हूं.
हिमा चार भाई बहनों में सबसे बड़ी है। उसकी दो छोटी बहनें और एक भाई है. एक छोटी बहन दसवीं कक्षा में पढ़ती है जबकि जुड़वां भाई और बहन तीसरी कक्षा में हैं. हिमा खुद अपने गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित कालेज में बारहवीं की छात्रा है. हिमा के पिता रंजीत ने असम में अपने गांव से कहा , ‘‘ वह बहुत जिद्दी है. अगर वह कुछ ठान लेती है तो फिर किसी की नहीं सुनती लेकिन वह पूरे धैर्य के साथ यह काम करेगी. वह दमदार लड़की है और इसलिए उसने कुछ खास हासिल किया है। मुझे उम्मीद थी कि वह देश के लिए कुछ विशेष करेगी.’ हिमा के चचेरे भाई जॉय दास ने कहा , ‘‘ शारीरिक तौर पर भी वह काफी मजबूत है. वह हमारी तरह फुटबाल पर किक मारती है.
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