इस्लामाबाद : दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान आमंत्रित किया जायेगा. विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
दक्षेस शिखर सम्मेलन 2016 इस्लामाबाद में होना था, लेकिन उसी साल सितंबर में जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर आतंकी हमले के बाद भारत ने मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए सम्मेलन में शामिल होने में अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी. बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इसमें हिस्सा लेने से इनकार करने बाद इस्लामाबाद सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था. मालदीव और श्रीलंका दक्षेस के सातवें और आठवें सदस्य हैं. इस्लामाबाद में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने जीत के बाद अपने भाषण में कहा था कि भारत अगर एक कदम आगे बढ़ेगा, तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ायेगा.
डाॅन अखबार ने फैसल कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान ने अपने भारतीय समकक्ष को एक खत लिखकर मंशा जतायी थी कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाने का इच्छुक है. फैसल ने कहा, हमनें भारत के साथ एक जंग लड़ी है, रिश्ते तेजी से नहीं ठीक हो सकते. दक्षेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी आम तौर पर हर दो साल में वर्णानुक्रम में एक सदस्य राष्ट्र द्वारा की जाती है. सम्मेलन की मेजबानी करनेवाला सदस्य राष्ट्र समूह की अध्यक्षता करता है.
पिछला दक्षेस सम्मेलन 2014 में कश्मीर में हुआ था जिसमें मोदी शामिल हुए थे. फैसल ने यह भी कहा कि करतारपुर गलियारे के छह महीनों में पूरा हो जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, इस सदी में कूटनीति पूरी तरह बदल गयी है. नीतियां अब नागरिकों की इच्छाओं और भावनाओं के आधार पर बनती हैं.