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आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तानी मतदाताओं ने चटा दिया धूल

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के आम चुनाव में पूरे दम-खम के साथ भारत के खिलाफ आग उगलने वाले 26/11 मुंबई बम धमाके के मास्टर माइंड हाफिज सईद को यहां के मतदाताओं ने नकार दिया है. हालांकि, अपनी खाल बचाने के लिए उसने चुनावी समर में खुद को उतारकर जनता की नजर में खुद को पाक-साफ करने […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के आम चुनाव में पूरे दम-खम के साथ भारत के खिलाफ आग उगलने वाले 26/11 मुंबई बम धमाके के मास्टर माइंड हाफिज सईद को यहां के मतदाताओं ने नकार दिया है. हालांकि, अपनी खाल बचाने के लिए उसने चुनावी समर में खुद को उतारकर जनता की नजर में खुद को पाक-साफ करने की फिराक में था, लेकिन इस चुनावी समर में उसका निशाना सधने से पहले खोखा ही पूरी तरह खाली साबित हो गया.

इसे भी पढ़ें : ‘अल्लाह-हू-अकबर तहरीक’ के जरिए आम चुनाव लड़ेगी आतंकी हाफिज सईद की पार्टी

पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के समर्थन वाले अल्लाह-हू-अकबर तहरीक समेत चरमपंथी और प्रतिबंधित समूहों को व्यापक अभियान चलाने के बावजूद पाकिस्तान के आम चुनावों में करारी शिकस्त मिली है. इसके साथ ही, कट्टरपंथी और प्रतिबंधित समूहों से जुड़े सैकड़ों लोग चुनावों में खड़े हुए थे, लेकिन अनाधिकारिक नतीजों के अनुसार अभी तक उनमें से कोई भी संसदीय या प्रांतीय विधानसभाओं की एक भी सीट जीतते हुए नहीं दिख रहा.

हालांकि, मौलाना मुहम्मद अहमद लुधियानवी समेत कुछेक उम्मीदवार ही ठीक-ठाक वोट हासिल कर सके हैं. चूंकि लुधियानवी का नाम प्रतिबंधित सूची से हटा लिया गया था, लेकिन इस चुनाव में लुधियानवी के भी कोई उम्मीदवार एक भी सीट निकालने में कामयाबी हासिल नहीं की. जियो टीवी की खबर के अनुसार, लुधियानवी को 45,000 से ज्यादा वोट मिले, लेकिन कोई भी जीत के करीब नहीं पहुंचा है.

चुनावों से पहले देश में बड़ी संख्या में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों के भाग लेने को लेकर चिंता पैदा हो गयी थी. सईद से जुड़ी मिल्ली मुस्लिम लीग ने अल्लाह-हू-अकबर तहरीक से कई उम्मीदवारों को खड़ा किया, क्योंकि चुनाव आयोग ने उसे मान्यता देने से इनकार कर दिया था. सईद ने कई रैलियां कर खुद प्रचार किया था, लेकिन उसके उम्मीदवार जीत के आसपास भी नहीं दिखायी दे रहे.

सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर सरगोढ़ा की एनए-91 सीट से खड़ा हुआ था, जो जमात-उद-दावा नेता का पैतृक शहर है. सईद का दामाद खालिद वलीद पीपी-167 सीट से खड़ा था. सुन्नी सांप्रदायिक समूह तहरीक-ए-लब्बाइक पाकिस्तान (टीएलपी) ने 100 से ज्यादा प्रत्याशी खड़े किये थे, लेकिन उनमें से कोई भी जीत के नजदीक नहीं पहुंच पाया.

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