Zubeen Garg Demise: ‘…या अली’, ‘जाने क्या चाहे मन बावरा…’ जैसे सुप्रसिद्ध बॉलीवुड गानों को अपनी आवाज देने वाले, युवाओं के दिलों की धड़कन जुबिन गर्ग की शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान मौत हो गई. स्कूबा डाइविंग के दौरान गर्ग को चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया. आनन-फानन में उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया. लेकिन, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. जुबीन तीन दिवसीय नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे. बताया जा रहा है कि स्कूबा डाइविंग करते समय जुबिन को सांस लेने में परेशानी हुई और उन्हें तुरंत सीपीआर दिया गया और इसके बाद उन्हें सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया. उन्हें बचाने के तमाम उपाय किए गए, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. जुबिन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जाहिर किया है.
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जुबिन गर्ग की मौत पर शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा “लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग के आकस्मिक निधन से स्तब्ध हूं. उन्हें संगीत में उनके समृद्ध योगदान के लिए याद किया जायेगा. उनकी प्रस्तुतियां सभी वर्गों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय थीं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.” इधर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गायक जुबिन गर्ग की मौत को ‘भयानक त्रासदी’ बताया है.
सिंगापुर से लाया जा रहा है शव
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को बताया कि भारतीय गायक के शव को भारत वापस लाने की प्रक्रियाएं की जा रही है. उन्होंने सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त शिल्पाक अंबुले से बात की है. मुख्यमंत्री सरमा ने मीडिया से बातचीत के क्रम में बताया कि भारतीय उच्चायोग सिंगापुर सरकार के संपर्क में है और वहां के अधिकारी तय करेंगे कि पोस्टमार्टम की जरूरत है या नहीं. उन्होंने कहा “अगर पोस्टमार्टम की जरूरत पड़ती है, तो जुबिन के पार्थिव शरीर को शनिवार शाम तक असम लाए जाने की संभावना है.”

