34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं युवा, जनवरी में शुरू होगा ये खेल

तमिलनाडु के मदुरै के वीरापंडी गांव में अस्थायी खेल के मैदान के प्रवेश द्वारा ‘वाड़ी’ में काफी चहल पहल है, जहां मैदान में जाने के उत्सुक बैलों और एक बड़े पेड़ के नीचे बच्चों को देखा जा सकता है. वाड़ी के एक ओर कुछ लोग कतार में खड़े हैं और बैल पर कूदने की तैयारी कर रहे हैं.

मदुरै : मदुरै शहर के वीरापंडी गांव में हलचल इन दिनों तेज हो गई है. इसका कारण यह है कि गांव के युवा बैल और मानव के खेल ‘जल्लीकट्टू’ के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. पारंपरिक रूप से तमिल माह ‘थाई’ (जनवरी) में इस खेल की शुरुआत होती है और तमिलनाडु के कई क्षेत्रों में इसका आयोजन होता है. प्रशिक्षकों की निगरानी में ‘मुडक्कथन’ मणि और ‘पुलिस’ विनोद बैल पर काबू पाने के गुर सीख रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि खेल के दौरान मानव या पशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. अभी कार्यशाला में सरगर्मी बढ़ गई है.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के मदुरै के वीरापंडी गांव में अस्थायी खेल के मैदान के प्रवेश द्वारा ‘वाड़ी’ में काफी चहल पहल है, जहां मैदान में जाने के उत्सुक बैलों और एक बड़े पेड़ के नीचे बच्चों को देखा जा सकता है. वाड़ी के एक ओर कुछ लोग कतार में खड़े हैं और बैल पर कूदने की तैयारी कर रहे हैं.

चोट से बचने का क्या है तरीका

करीब 25 वर्षों में 3,500 से अधिक बैलों को सफलतापूर्वक काबू करने वाले जाने माने प्रशिक्षक मणि ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चोट से बचने के लिए हाथों की स्थिति में बेहद तेजी से तालमेल बनाना बहुता महत्वपूर्ण होता है. अगर बैल अपनी गर्दन मोड़ता है, तो उसके सींग से बैल पर बैठे व्यक्ति को चोट लग सकती है. उन्होंने कहा कि बैल पर बैठे व्यक्ति के पैर पशु के पैर के पास नहीं होने चाहिए. व्यक्ति को अपने घुटनों को आवश्यकतानुसार थोड़ा पीछे की ओर झुकाना चाहिए.

Also Read: तमिलनाडु में निकला फरमानः जल्लीकट्टू खेलना है तो दिखाओ आधार
बैल पर बैठने के लिए कूबड़ पर ध्यान देना जरूरी

समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, करीब 2,000 से अधिक बैलों को सफलतापूर्वक काबू में करने वाले विनोद भी युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए और पशु के एक ओर रहना चाहिए तथा उसके साथ-साथ दौड़ना चाहिए और उस पर सवार होने के लिए उसके कूबड़ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. विनोद करीब 20 साल से ‘जल्लीकट्टू’ में हिस्सा ले रहे हैं और वह एक ग्रेड-1 पुलिस कांस्टेबल हैं तथा वह युवाओं को इसका प्रशिक्षण भी देते हैं. मणि और विनोद प्रशिक्षण के दौरान ‘बैल’ की तरह अपने आप को पेश करते हैं और युवकों को पशु के सींग या पूंछ को नहीं पकड़ने की सलाह देते हैं.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें