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Women Empowerment: जेंडर समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ नयी चेतना का चौथा संस्करण

मंगलवार को 'नई चेतना-पहल बदलाव की' अभियान का चौथा संस्करण शुरू हुआ. यह देशव्यापी अभियान ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है और यह 23 दिसंबर 2025 तक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा. इस अभियान की अगुवाई देशभर के स्व-सहायता समूहों द्वारा की जा रही है.

Women Empowerment:राष्ट्रीय अभियान जेंडर  समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मकसद से मंगलवार को ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’ अभियान का चौथा संस्करण शुरू हुआ. यह देशव्यापी अभियान ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है और यह 23 दिसंबर 2025 तक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा.

इस अभियान की अगुवाई देशभर के स्व-सहायता समूहों द्वारा की जा रही है. कार्यक्रम के दौरान 11 मंत्रालयों, विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा न्याय विभाग द्वारा संयुक्त तौर पर चलाया जायेगा. यह पहल जेंडर आधारित भेदभाव और हिंसा के उन्मूलन के लिए सभी मंत्रालय की सामूहिक शक्ति को जोड़ते का प्रयास है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए अनेक कदम उठा रही है. मौजूदा अभियान ग्रामीण भारत में महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और आर्थिक भागीदारी को मजबूत करने की दिशा में एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है. नयी चेतना अभियान महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मददगार होगा. सरकार की कोशिश है कि महिलाओं की आवाज समाज और शासन के हर स्तर पर सुनी जाए.

महिलाओं के लिए समान और सुरक्षित माहौल दिलाने की कोशिश

अभियान का मकसद समुदाय आधारित कार्रवाई के जरिये जेंडर आधारित हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाना, महिलाओं को सुरक्षित माहौल मुहैया कराना, आर्थिक योगदान की पहचान और घरेलू कार्यों में साझा जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है. साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाना है. 

कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधियों, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों के अधिकारियों, देशभर से आई महिला स्व-सहायता समूह सदस्यों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और भागीदार नागरिक समाज संगठनों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम ने सरकार के जेंडर समानता और ग्रामीण विकास के साझा प्रयास को दर्शाने का काम किया. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव की मानसिकता को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है. महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है और इसके लिए नारी शक्ति वंदन कानून बनाने का काम किया गया है. 

लखपति दीदियां अब मौका मिलने पर आसमान में उड़ान भर रही है, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काफी अच्छा काम हो रहा है. लगभग 2 करोड़ से अधिक दीदी लखपति बन गई हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा का एक बड़ा कारण है नशा है. नशा सभी बुराइयों की जड़ है, नशे के खिलाफ महिलाएं गांव-गांव में अलख जगाने का काम करें. नशे के विरुद्ध सरकार के साथ ही समाज खासकर महिलाओं को संकल्पबद्ध होकर अभियान के रूप में काम करना होगा. कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद रही.

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