Sudershan Reddy: मल्लिकार्जुन खरगे ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘ INDIA गठबंधन के सभी दलों ने एक साझा उम्मीदवार चुनने का फैसला किया है, यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दल एक नाम पर सहमत हुए. यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’’
21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे रेड्डी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे. कल सभी विपक्षी दलों के सांसद दोपहर 1 बजे सेंट्रल हॉल में बैठक कर रहे हैं.” टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं.”
कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी
बी सुदर्शन रेड्डी 16 साल से अधिक समय तक संवैधानिक अदालतों में सेवाएं दे चुके हैं. जुलाई 1946 में जन्मे जस्टिस रेड्डी को दो मई, 1995 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में पांच दिसंबर, 2005 को वह गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त किए गए. वह 12 जनवरी, 2007 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने और आठ जुलाई, 2011 को सेवानिवृत्त हुए. न्यायमूर्ति रेड्डी 27 दिसंबर, 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए.

बी सुदर्शन रेड्डी 1988 से 1990 के दौरान हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया
बी सुदर्शन रेड्डी 1988 से 1990 के दौरान हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में और 1990 के दौरान छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता के रूप में भी काम किया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रह चुके हैं.
जस्टिस रेड्डी गोवा के पहले लोकायुक्त भी रहे
जस्टिस रेड्डी मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बने थे, लेकिन सात महीने के भीतर ही निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को घोषणा की कि जस्टिस रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार होंगे. खरगे ने कहा, ‘‘ INDIA गठबंधन के सभी दलों ने एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है. यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दल एक नाम पर सहमत हुए हैं. यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’’

