Dharmendra Political Journey: धर्मेंद्र ने 2004 में राजनीति में एंट्री की थी. राजस्थान के बीकानेर से बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की थी. उनके प्रचार अभियान में भारी भीड़ उमड़ती थी. धर्मेंद्र ने राजनीति में डेब्यू करते ही धमाल मचा दिया था. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार रामेश्वर लाल डूडी को लगभग 60000 मतों से हराया था. इसके बावजूद धर्मेंद्र अधिक दिनों तक राजनीति में नहीं रह पाए. संसद में पहुंचने के बाद, उनका राजनीति से जल्द ही मोहभंग हो गया. उनका कार्यकाल 2009 में समाप्त हो गया और उन्होंने फिर कभी बीकानेर से चुनाव नहीं लड़ा.
जब धर्मेंद्र ने कहा था- अभिनेता को अभिनेता ही रहना चाहिए
2008 में पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने राजनीति से अपने मोहभंग के बारे में बात की थी. उस समय उन्होंने फिल्मी सितारों को एक सलाह दी थी. धर्मेंद्र ने कहा था, मैं यह नहीं कहूंगा कि राजनीति में आना कोई गलती थी, लेकिन हां, एक अभिनेता को राजनीति में नहीं आना चाहिए क्योंकि इससे दर्शकों और प्रशंसकों के बीच सामान्य स्वीकृति में विभाजन पैदा होता है. अभिनेता को हमेशा अभिनेता ही रहना चाहिए. मेरे लिए, इन सभी वर्षों में अपने प्रशंसकों से मिला प्यार और समर्थन ही सबसे बड़ी उपलब्धि है. 2010 में लुधियाना में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, धर्मेंद्र ने राजनीति में कदम रखने पर अफसोस व्यक्त किया था.
जब धर्मेंद्र ने कहा था- राजनीति में मुझे घुटन महसूस होती थी
पीटीआई के साथ इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने कहा था, राजनीति में मुझे घुटन महसूस होती थी. मुझे भावनात्मक रूप से इस क्षेत्र में घसीटा गया. जिस दिन मैंने हामी भरी, मैं शौचालय गया और शीशे में अपना सिर पटककर अपने किए पर पछतावा किया. राजनीति ऐसी चीज है जो मैं कभी नहीं करना चाहता था.
धर्मेंद्र ने पत्नी हेमा को राजनीति में जाने से रोका था
धर्मेंद्र का राजनीति से इतना मोहभंग हो गया था कि जब उनकी पत्नी अभिनेत्री हेमा मालिनी राजनीति में डेब्यू करने वाली थी, तब उन्होंने रोका था. पिछले साल न्यूज18 के साथ एक इंटरव्यू में हेमा मालिनी ने बताया था कि धर्मेंद्र शुरू में उनके चुनाव लड़ने के खिलाफ थे. हेमा ने बताया था, धरमजी को यह पसंद नहीं आया. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं चुनाव न लड़ूं, क्योंकि यह बहुत कठिन काम है. उन्होंने कहा, मैंने इसका अनुभव किया है. इसलिए जब उन्होंने कहा कि यह एक कठिन काम है, तो मैंने सोचा कि इसे एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए.

