Viral Video : मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक सरकारी अस्पताल का वीडियो वायरल हुआ. इसके बाद मामले में कार्रवाई की गई. वीडियो में दो लोग 70 वर्षीय बुजुर्ग को घसीटते नजर आ रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है, साथ ही घटना में कथित रूप से शामिल डॉक्टर और एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी किए गए हैं. घटना 17 अप्रैल की है जब नौगांव शहर के निवासी उद्धव सिंह जोशी अपनी पत्नी की डॉक्टरी जांच के लिए छतरपुर के जिला अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘समय से संबंधित पर्ची मिलने के बाद मैं काफी देर तक लाइन में खड़ा रहा. जब मेरी बारी आई तो डॉ. राजेश मिश्रा ने इसका विरोध किया और फिर मुझे थप्पड़ और लात मारी.’’
बेरहम #डॉक्टर का नाम राजेश मिश्रा
— SANDEEP SINGH RAWAT (@iamsandeeprwt) April 20, 2025
OPD में देरी के कारण बुजुर्ग मरीज के साथ मारपीट
जांच करके इनको अच्छा पुरस्कार मिलना चाहिए,#viralvideo #MPNews #Chhatarpur #MadhyaPradesh pic.twitter.com/9oWlqwleCR
वायरल वीडियो में क्या आ रहा है नजर
उद्धव सिंह जोशी के आरोपों का खंडन करते हुए सिविल सर्जन जी एल अहिरवार ने कहा कि जगह पर क्षमता से अधिक भीड़ थी. डॉ. मिश्रा ने आपत्ति जताई क्योंकि जोशी ने कतार तोड़ दी थी. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग जोशी का हाथ पकड़कर उन्हें घसीटते हुए बाहर ले जा रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने मिश्रा को नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है, जबकि नौगांव थाने में उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 (2), 296, 3(5), 351(3) के तहत ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की गई है. दरअसल, ‘जीरो एफआईआर’ वो होती है जिसे अपराध होने पर किसी भी थाने में दर्ज करवाया जा सकता है.
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डॉ. अहिरवार को 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश
अधिकारी ने बताया कि प्राथमिकी छतरपुर के कोतवाली पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दी गई है. एक अन्य घटनाक्रम में जिलाधिकारी पार्थ जायसवाल ने डॉ. अहिरवार को घटना के बारे में रिपोर्ट सौंपने के उनके निर्देशों की अनदेखी करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया. अधिकारी ने कहा, “डॉ. अहिरवार को 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी ने एसडीएम के तहत तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर जायसवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की.”