US Embassy thanks CBI: ठगों को अब ठगी करने के लिए कहीं सशरीर जाने की जरूरत नहीं है. घर बैठे सात समुंदर पार अपराध करने के रास्ते इंटरनेट ने खोल दिए हैं. इसी तरह के एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक प्रमुख फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है जो एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क के संचालन से जुड़ा हुआ था. लखनऊ में एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो कथित रूप से अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था. भारत में अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को कहा कि भारतीय और अमेरिकी एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को ध्वस्त करने और भविष्य में होने वाले घोटालों को रोकने के लिए साथ काम कर रही हैं. यह बयान लखनऊ में एक अवैध कॉल सेंटर पर हुई कार्रवाई के बाद आया है, जो अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था.
एक्स (X) पर पोस्ट में, अमेरिकी दूतावास ने कहा, “भारत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने एक अवैध कॉल सेंटर को ध्वस्त कर दिया है, जो अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था और अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क के एक प्रमुख ऑपरेटिव को गिरफ्तार किया है. समन्वित खुफिया जानकारी और निर्णायक कार्रवाई के माध्यम से, हमारी एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को खत्म करने, भविष्य के घोटालों को रोकने और हमारे नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम कर रही हैं. आपके निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद.”
CBI ने देश भर में मारे छापे
CBI के अनुसार, एजेंसी ने 24 सितंबर 2024 को एक मामला दर्ज किया था और इससे पहले आरोपियों से जुड़े कई स्थानों पर व्यापक तलाशी ली थी. सितंबर 2024 में, एजेंसी ने पुणे, हैदराबाद और विशाखापत्तनम में संचालित चार अवैध कॉल सेंटरों को ध्वस्त किया था. एजेंसी ने कहा कि एक महत्वपूर्ण ऑपरेटिव मामले के दर्ज होने के बाद से फरार था. उसने पुणे और विशाखापत्तनम में अवैध कॉल सेंटर VC Infrometrix Pvt. Ltd की स्थापना और संचालन में मुख्य भूमिका निभाई थी..
लखनऊ में पकड़ा गया अमेरिकियों को निशाना बनाने वाला
उसे पकड़ने के लिए CBI ने पुणे के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से वारंट प्राप्त किया. CBI ने 20 नवंबर 2025 को लखनऊ स्थित उसके घर से इस फरार ऑपरेटिव को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी के दौरान एजेंसी ने उसके पास से 14 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और कथित अपराध से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए.
CBI ने यह भी बताया कि उसने लखनऊ में विकास कुमार निमार द्वारा संचालित एक अन्य अवैध कॉल सेंटर का भी भंडाफोड़ किया है, जो इसी तरह अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना रहा था. अवैध कॉल सेंटर पर हुई तलाशी में 52 लैपटॉप बरामद किए गए, जिनमें कथित रूप से साइबर अपराध नेटवर्क संचालित करने में इस्तेमाल किया गया आपत्तिजनक डिजिटल सबूत मिला. CBI ने कहा कि जांच जारी है.
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