New Zealand Mother gets verdict in killing 2 kids of own: कलियुगी मां! एक ऐसा शब्द है, जो निर्दय और बेरहम माताओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है. न्यूजीलैंड में एक ऐसी ही दिल दहला देने वाले मां की कहानी का खुलासा हुआ. मामले का अंत बुधवार को अदालत में हुआ, जब एक मां को अपने ही दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. वर्षों तक लापता माने जाने वाले इन बच्चों के शव 2022 में सूटकेसों से मिले थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. अदालत ने कहा कि मानसिक अवसाद के बावजूद मां का अपराध सोचा-समझा और योजनाबद्ध था.
न्यूजीलैंड में 45 वर्षीय हाक्युंग ली नाम की एक मां को अपने दो बच्चों की हत्या करने और उनके शव सूटकेस में छिपाने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 2018 में ली ने अपनी 8 वर्षीय बेटी यूना और 6 वर्षीय बेटे मीनू की हत्या की थी. बच्चों के शव 2022 में तब मिले जब एक दंपति ने ऑकलैंड में एक छोड़ी गई स्टोरेज यूनिट की नीलामी जीतने के बाद सूटकेस खोले. हत्याओं के बाद ली ने अपना नाम बदलकर न्यूजीलैंड छोड़ दिया और दक्षिण कोरिया चली गई, वह वहीं पैदा हुई थी. मामला खुलने पर 2022 में उसे साउथ कोरिया से गिरफ्तार किया गया और फिर वापस न्यूजीलैंड भेजा गया.
जूस में मिलाकर दी, खुद बची लेकिन बच्चे मृत हुए
अदालत में उस पर मुकदमा चलाया गया. मुकदमे के दौरान ली के वकीलों ने कहा कि पति की मौत के बाद वह मानसिक रूप से टूट चुकी थी और उसे लगने लगा था कि परिवार के सभी लोगों का साथ में मर जाना ही बेहतर है. उन्होंने दावा किया कि ली ने जूस में एंटीडिप्रेसेंट नॉरट्रिप्टिलाइन दवा मिलाकर खुद और बच्चों को मारने की कोशिश की थी, लेकिन दवा की गलत मात्रा के कारण वह बच गई और बच्चे मर गए. अभियोजन पक्ष ने इसे एक स्वार्थी कदम बताया, ताकि ली अकेले बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी से बच सके.
मिली उम्रकैद, लेकिन पैरोल भी 17 साल बाद
अदालत में बताया गया कि इन हत्याओं ने ली और उसके पति इयान जो के परिवारों पर गहरा दुख डाला है. अदालत ने ली को उम्रकैद की सजा दी है. जेल की सजा के दौरान लोगों को पैरोल मिल जाता है, ताकि वे अपने परिजनों से मिल सकें. लेकिन हाक्युंग ली के मामले में जज ने आदेश दिया है कि वह 17 साल जेल में रहने के बाद ही पैरोल के लिए अर्जी दे सकेगी.
टूट गया पूरा परिवार
मामले के दौरान अदालत में परिवारों का दर्द भी सामने आया. ली की मां ने कहा कि पति इयान जो की मौत के बाद उनकी बेटी जीने की इच्छा खो चुकी थी और उन्हें अफसोस है कि वे उसे समय पर काउंसलर के पास नहीं ले गईं. जो के भाई जिमी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके घर पर इतनी बड़ी त्रासदी आएगी. उन्होंने बताया कि उनकी मां को अभी तक यह नहीं बताया गया है कि बच्चे मर चुके हैं. जिमी ने कहा कि उनके भाई ने मरने से पहले बच्चों का ध्यान रखने को कहा था… अब यह उनके लिए जिंदगी भर की सजा है, जिससे वे कभी मुक्त नहीं हो सकते.
जेल में विशेष रोगी के रूप में किया जाएगा उपचार
सजा से पहले हुए मनोवैज्ञानिक परीक्षण में कहा गया कि हत्याओं के समय ली गहरे अवसाद और लंबे शोक से गुजर रही थी. जज वेनिंग ने माना कि उसकी मानसिक स्थिति प्रभावित थी, लेकिन उसके कार्य योजनाबद्ध थे. अदालत ने आदेश दिया कि ली को जेल में रहते हुए उसकी मानसिक हालत को देखते हुए विशेष रोगी के रूप में उपचार दिया जाए. जज ने कहा कि जब आपके पति गंभीर रूप से बीमार हुए, तो आप संभाल नहीं पाईं और शायद आप बच्चों का सामना भी नहीं कर पा रहीं थीं, जो आपको आपकी पुरानी खुशहाल जिंदगी की याद दिलाते थे, जो अब आपके पास नहीं रही थी.
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