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Telecom: संचार साथी पहल के तहत 6 लाख चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट हुआ बरामद

संचार साथी पर लोग मोबाइल चोरी या खोने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस सुविधा के कारण अब तक 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की बरामदगी करने में मदद मिली है. मई 2023 में शुरू किया गया, संचार साथी देश का सबसे व्यापक डिजिटल सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म बन गया है.

Telecom: देश में मोबाइल चोरी और मोबाइल खो जाने के लाखों मामले सामने आते रहते हैं. पहले चोरी या खोए मोबाइल को वापस हासिल करना काफी मुश्किल था. लेकिन आम लोगों को राहत देने के लिए दूरसंचार विभाग की ओर से डिजिटल सुरक्षा पहल ‘संचार-साथी’ शुरू किया. संचार साथी पर लोग मोबाइल चोरी या खोने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इस सुविधा के कारण अब तक 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की बरामदगी करने में मदद मिली है. मई 2023 में शुरू किया गया, संचार साथी देश का सबसे व्यापक डिजिटल सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म बन गया है. इसकी वेबसाइट पर 19 करोड़ से अधिक विजिट और 90 लाख से अधिक मोबाइल ऐप डाउनलोड किया जा चुका है.डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संचार साथी में कई अन्य तरह की सुविधा दी गयी है.

चक्षु पर आम लोग संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं. पोर्टल, ऐप या 14422 पर एसएमएस के जरिये लोग अपने मोबाइल की आईएमईआई की प्रामाणिकता जांच कर सकते हैं. देश की भाषाई विविधता को देखते हुए  संचार साथी मोबाइल एप्लिकेशन हिंदी, अंग्रेजी सहित 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. संचार साथी पर खोए, चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा वास्तविक समय में दूरसंचार विभाग, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और राज्य, केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के साथ साझा की जाती है ‘डिजिटल बाय डिजाइन’ के विषय पर प्रदान की गई यह सुविधा प्रति मिनट एक फोन को हासिल करने में सहायता प्रदान कर रही है.

देश में मजबूत हो रहा है डिजिटल इकोसिस्टम


दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयां क्षमता निर्माण पहल के जरिये कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निरंतर सहयोग करती हैं, ताकि ट्रेस किए गए उपकरणों को हासिल कर मालिकों को लौटाया जा सके. रिकवरी दर में लगातार सुधार हो रहा है. मासिक रिकवरी जनवरी 2025 में 28115 से बढ़कर अगस्त 2025 में 45243 हो गयी. यानी इस दौरान रिकवरी दर में  61 फीसदी की वृद्धि हुई. इससे साबित होता है कि देश में डिजिटल इको-सिस्टम लगातार मजबूत हो रहा है. सरकार का मानना है कि तकनीक नागरिक सशक्तिकरण और सुरक्षा को बेहतर बनाने का काम करता है. संचार साथी की सफलता भारत के व्यापक डिजिटल इंडिया को एक साइबर-सुरक्षित डिजिटल भारत बनाने का सफल उदाहरण है. 


किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए रिपोर्ट किए गए खोए, चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को पूरे भारत में दूरसंचार नेटवर्क पर ब्लॉक कर दिया जाता है और जैसे ही ऐसे मोबाइल हैंडसेट के साथ किसी सिम का उपयोग किया जाता है, स्वचालित ट्रेसेब्लिटी सक्रिय हो जाती है और नागरिकों के साथ-साथ उस संबंधित पुलिस स्टेशन को भी अलर्ट भेज दिया जाता है, जहां खोए, चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की शिकायत दर्ज की है. नागरिकों को एसएमएस के जरिये से संपर्क करने के लिए सक्रिय ट्रेसेब्लिटी में पुलिस स्टेशन का विवरण दिया जाता है.

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