Supreme Court: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन ने सुनवाई के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. हाल में हुआ पहलगाम आतंकी हमले का भी अदालत ने जिक्र किया. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायण को पीठ ने कहा कि पहलगाम हमले की अनदेखी नहीं की जा सकती है.
ऐसे में राज्य का दर्जा देने से पहले जमीनी हकीकत का ध्यान रखना होगा. वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने याचिका का विरोध करते हुए अदालत से सुनवाई 8 हफ्ते तक टालने की मांग की. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की बात कही थी. देश के इस हिस्से में स्थिति काफी अलग है. मौजूदा समय में इस राज्य की स्थिति अजीबोगरीब है.
इसपर शंकरनारायण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए शीर्ष अदालत में केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा देने की बात कही थी. चुनाव खत्म हो चुका है और राज्य का दर्जा अभी तक नहीं दिया गया है. गौरतलब है कि कॉलेज प्रोफेसर जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक ने याचिका दाखिल कर जम्मू-कश्मीर को राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश बनाने से नागरिकों के अधिकारों पर असर पड़ रहा है.
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पकड़ रही है जोर
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. धारा 370 हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी और 11 दिसंबर 2023 को संविधान पीठ धारा 370 को हटाने के फैसले को सही मानते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्दी से जल्दी बहाल करने का कदम उठाए.
विधानसभा चुनाव के दौरान भी केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा देने की बात कही. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से भाजपा, कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेताओं को पत्र लिखकर संसद के मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का विधेयक पेश करने की मांग की थी. कई विपक्षी दल भी केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं.

