Stray Dogs: दिल्ली में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बहस के बीच, बीजेपी नेता मेनका गांधी ने कहा, “कोई भी जानवरों के साथ दुर्व्यवहार का समर्थन नहीं करता. उनका मानना है कि अगर जानवरों को ले जाया जाए, तो उनके बच्चे नहीं काटे जाएंगे. मैं इससे सहमत हूं. लेकिन जानवर नहीं जाएंगे. अगर हम दिल्ली से 3 लाख जानवर हटाएं, तो एक हफ्ते के अंदर गाजियाबाद और फरीदाबाद से 3 लाख और जानवर आ जाएंगे. अगर उन अतिरिक्त 3 लाख को हटा दिया जाए, तो और भी जानवर आ जाएंगे क्योंकि दिल्ली में प्रचुर मात्रा में भोजन उपलब्ध है.
#WATCH | Amid the debate over SC ruling on stray dogs in Delhi, animal rights activist & BJP leader Maneka Gandhi says, "…Nobody favours the ill-treatment of animals. They believe that if animals are taken away, their children would not be bitten. I agree with that. But the… pic.twitter.com/U15ZuhkCO9
— ANI (@ANI) August 13, 2025
दिल्ली में 50,000 से ज्यादा अवैध चिकन सेंटर : मेनका
मेनका गांधी ने कहा, दिल्ली में 50,000 से ज्यादा अवैध चिकन सेंटर हैं. बिना लाइसेंस के मीट की दुकानें भी चल रही हैं. इसलिए, उनके लिए भी कानून बनना चाहिए. वरना, यह कभी खत्म नहीं होगा…मैं चाहूंगी कि मुख्य न्यायाधीश इसकी प्यार से समीक्षा करें और देखें कि सबसे अच्छा तरीका क्या है, क्योंकि हमारा लक्ष्य एक ही है. हम भी कम कुत्ते चाहते हैं, हम चाहते हैं कि कोई उन्हें काटे नहीं और हम चाहते हैं कि इंसान, कुत्ते और हर जानवर शांति से रहें.”
आवारा कुत्तों पर कोर्ट का क्या है फैसला?
आवारा कुत्तों के काटने से, विशेष रूप से बच्चों में होने वाली रेबीज की समस्या के कारण अत्यंत गंभीर स्थिति के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के प्राधिकारों को निर्देश दिया था कि वे सभी आवारा कुत्तों को जल्द से जल्द उठाएं और उन्हें आश्रय स्थलों में रखें. कोर्ट ने आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे छह से आठ सप्ताह के भीतर लगभग 5,000 कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाएं.
आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालने वालों पर होगी कार्रवाई
आवारा कुत्तों की समस्या को अत्यधिक गंभीर बताते हुए जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन ने कई निर्देश पारित किए और चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने के काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी. पीठ ने कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने और उन्हें पकड़ने के काम में बाधा डालता है और इसकी सूचना हमें दी जाती है, तो हम ऐसी किसी भी बाधा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.’’
उन बच्चों को वापस ला पाएंगे जो रेबीज का शिकार हो गए : कोर्ट की शख्त टिप्पणी
पीठ ने कहा कि क्या पशु कार्यकर्ता और ‘‘कथित पशु प्रेमी’’ उन बच्चों को वापस ला पाएंगे जो रेबीज का शिकार हो गए। अदालत ने कहा, ‘‘क्या वे उन बच्चों की जिंदगी वापस ला पाएंगे? जब स्थिति की मांग होती है, तो आपको कार्रवाई करनी ही होती है.’’ सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को स्वतः संज्ञान में लिये गए उस मामले की सुनवाई कर रहा था, जो राष्ट्रीय राजधानी में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज फैलने को लेकर था.

