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Security: डेडिकेटेड एजेंसी बंदरगाहों की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने का करेगी काम

बीओपीएस का गठन ब्यूरो ऑफ सिविल सिक्योरिटी (बीसीएएस) की तर्ज पर किया जा रहा है. इस संगठन का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और एक वर्ष की ट्रांजिशन अवधि के दौरान नौवहन महानिदेशक इसके महानिदेशक के तौर पर काम करेंगे.

Security: देश की आंतरिक सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. पाकिस्तान-बांग्लादेश से लगती सीमा पर बाड़बंदी करने के अलावा कई तरह के कदम उठाए जा रहे है. इसके लिए तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है. शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एक डेडिकेटेड ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (बीओपीएस) के गठन को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. समीक्षा बैठक में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री मौजूद रहे.

बैठक के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने देशभर में बंदरगाहों के लिए एक मजबूत सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सुरक्षा उपायों को व्यापार क्षमता, लोकेशन तथा अन्य संबंधित मानदंडों को ध्यान में रखते हुए क्रमबद्ध और जोखिम के आधार पर लागू करने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि बीओपीएस का गठन हाल ही में अधिनियमित मर्चेंट शिपिंग एक्ट 2025 की धारा 13 के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में होना है. इस ब्यूरो का नेतृत्व एक महानिदेशक करेंगे और यह केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करेगा. 


बंदरगाहों की सुरक्षा को फूलप्रूफ बनाने की कोशिश

बीओपीएस का काम जहाजों और बंदरगाहों पर सुविधाओं की सुरक्षा से संबंधित नियम एवं निरीक्षण काम करना होगा. बीओपीएस का गठन ब्यूरो ऑफ सिविल सिक्योरिटी (बीसीएएस) की तर्ज पर किया जा रहा है. इस संगठन का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे और एक वर्ष की ट्रांजिशन अवधि के दौरान नौवहन महानिदेशक इसके महानिदेशक के तौर पर काम करेंगे. बीओपीएस सुरक्षा संबंधी सूचनाओं का समयबद्ध विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसमें बंदरगाहों की आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने के लिए डेडिकेटेड विभाग भी होगा. 


बंदरगाहों की सुरक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को बंदरगाह सुविधाओं के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. सीआईएसएफ बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन और सुरक्षा योजनाएं तैयार करने का काम करेगा. साथ ही बंदरगाहों की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने और उनकी क्षमता निर्माण करने का भी काम करेगी. निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रमाणित किया जाएगा और इस क्षेत्र में केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसी को ही काम करने की मंजूरी होगी. बैठक में यह भी तय किया गया कि समुद्री सुरक्षा ढांचे से प्राप्त अनुभवों को विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी लागू किया जाएगा.

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