Science and Tech: देश में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ाने पर सरकार का विशेष फोकस है. रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में तरक्की के बिना देश आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता है. रिसर्च और इनोवेशन तंत्र को विकसित और सुदृढ़ करने के लिए बुधवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने नवनिर्मित कर्तव्य भवन में सभी विज्ञान सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विज्ञान सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
देश में होने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) की तैयारियों की समीक्षा की गयी और सभी विभागों को स्टार्टअप्स को सहयोग और प्रोत्साहन देने का निर्देश दिया गया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा करने से राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सवों में एकीकरण सुनिश्चित हो सकेगा. देश के विभिन्न क्षेत्रों में हर साल आयोजित होने वाला भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक जन-केंद्रित मंच के तौर पर उभरा है.
उभरते तकनीक पर काम करना जरूरी
जितेंद्र सिंह ने उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी) की जानकारी देते हुए कहा कि यह देश का प्रमुख वार्षिक मंच है जो मंत्रालयों, इनोवेटर्स, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, वैश्विक विशेषज्ञों और युवा नेताओं को एक मंच पर साथ लाने का काम करता है. इस सम्मेलन में अत्याधुनिक अनुसंधान, गहन तकनीक सफलताओं और नए विचारों के साथ चर्चाओं को प्रदर्शित करेगा, जो विकसित भारत 2047 की दिशा में वैज्ञानिक नेतृत्व के एक नए युग का सूत्रपात करेगा. तकनीक की दुनिया तेजी से बदल रही है और देश के युवाओं को उभरती तकनीक पर काम करना होगा.
समीक्षा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जैव-ई-3 (जैव-अर्थव्यवस्था, रोजगार, पर्यावरण) नीति का जिक्र करते हुए सभी विभागों से जैव प्रौद्योगिकी तथा संबंधित उभरते क्षेत्रों में प्रयासों को बढ़ाने का आह्वान किया, जिनमें भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन की अपार संभावनाएं हैं. साथ ही कई क्षेत्रों में भारी बारिश को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के कामकाज की समीक्षा की गयी और विभाग को बेहतर तैयारी और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय सूचना प्रसार और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करने को कहा गया. बैठक में परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉक्टर अजीत कुमार मोहंती, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉक्टर राजेश गोखले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉक्टर एम रविचंद्रन, इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर वी नारायणन शामिल हुए.

