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Rural Infrastructure: जल संरक्षण, ग्रामीण विकास, आजीविका के लिए मनरेगा की जगह लेगा विकसित भारत-जी राम जी विधेयक

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन(ग्रामीण): वीबी-जी राम जी (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक लोकसभा में पेश किया. इस विधेयक का मकसद विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुसार ग्रामीण विकास ढांचा विकसित करना है. ताकि सभी ग्रामीण परिवार को एक निश्चित अवधि का रोजगार मिल सके.

Rural Infrastructure: ग्रामीण रोजगार मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग दो दशक से चली आ रही मनरेगा को खत्म कर नया विधेयक बनाने का निर्णय लिया है. मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन(ग्रामीण): वीबी-जी राम जी (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक लोकसभा में पेश किया. इस विधेयक का मकसद विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुसार ग्रामीण विकास ढांचा विकसित करना है. ताकि सभी ग्रामीण परिवार को एक निश्चित अवधि का रोजगार मिल सके. 


इस योजना के तहत हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी देता है. विधेयक पेश करते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि इस ऐतिहासिक विधेयक का मकसद फ्यूचर-रेडी, कन्वर्जेंस और परिपूर्ण (सैचुरेशन) आधारित ग्रामीण विकास संरचना स्थापित करना है. यह विकसित भारत @2047 के विजन के अनुसार ग्रामीण विकास की तेज गति को आगे बढ़ाने में मददगार होगा, जिससे रोजगार के अधिक अवसर मुहैया कराकर ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाया जा सके. 


विधेयक में ग्राम पंचायत प्लान पर आधारित एकीकृत प्लान प्रक्रिया के तहत संस्थागत करने का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त टेक्नोलॉजी-सक्षम संरचना तथा कानूनी एवं प्रशासनिक प्रावधानों के जरिये मजबूत पारदर्शिता एवं जवाबदेही तंत्र का विकास हो सके. हालांकि विपक्ष की ओर से मनरेगा की जगह नया विधेयक लाने का पुरजोर विरोध किया गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा सिर्फ योजनाओं का नाम बदलने पर है. नये विधेयक के जरिये लोगों के रोजगार के अधिकार को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. 


ग्रामीण भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को सशक्त बनाना है लक्ष्य


इस विधेयक के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने वाले सभी कार्यों को विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल किया जाएगा, जिससे ग्रामीण सार्वजनिक काम के लिए एक मजबूत और एकीकृत राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार होगा. जल संरक्षण और जल-संबंधी कार्य जैसे  मुख्य ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर, आजीविका से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर एवं प्रतिकूल मौसमी घटनाओं को कम करने वाले काम को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका मकसद देशभर में उत्पादक, टिकाऊ, सुदृढ़ एवं परिवर्तनकारी ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है. 


इस विधेयक के तहत सभी काम की पहचान विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं के जरिए होगी, जो बॉटम-अप अप्रोच, कन्वर्जेंस और परिपूर्ण आधारित होगी. इन्हें ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के साथ सामंजस्य स्थापित कर एक एकीकृत, समग्र सरकारी, ग्रामीण विकास संरचना का निर्माण करना है. यह विकसित ग्राम पंचायत योजना जीपीएस जैसी स्पेशल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके तैयार होगी और पीएम गति-शक्ति के साथ एकीकृत की जाएगी. साथ ही राज्यों को यह अधिकार होगा कि वे अग्रिम रूप से अधिसूचना जारी कर, एक वित्तीय वर्ष में कुल 60 दिनों की अवधि निर्धारित करेंगे ताकि बुवाई एवं कटाई के मौसम के दौरान खेतिहर मजदूरों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सका.


विधेयक के तहत प्रस्तावित गारंटी को प्रभावी बनाने के लिए अधिनियम के प्रारंभ होने की तिथि से 6 महीने के अंदर एक योजना तैयार करना अनिवार्य होगा और यह केंद्रीय प्रायोजित योजना के तौर पर संचालित होगी. जिसमें उत्तर-पूर्वी एवं हिमालयी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 90:10 तथा अन्य सभी राज्यों एवं विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 60:40 का फंड शेयरिंग पैटर्न होगा.

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