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Rana Kapoor के आरोपों पर BJP ने कहा- गांधी परिवार करते थे ‘वसूली’, कांग्रेस ने दी यह प्रतिक्रिया

Rana Kapoor on Priyanka Gandhi: यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं. ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, राणा कपूर ने बताया है कि उन्हें प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपए में मकबूल फिदा हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया.

Rana Kapoor on Priyanka Gandhi: यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं. ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, राणा कपूर ने बताया है कि उन्हें प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपए में मकबूल फिदा हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया. राणा कपूर ने यह भी बताया है कि पेटिंग से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल गांधी परिवार ने न्यूयॉर्क में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इलाज में किया था. अब यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर की ओर से लगाए गए इन कथित आरोपों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है.

कांग्रेस और गांधी परिवार करते थे वसूली

यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर की ओर से कथित तौर पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर ‘वसूली’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सत्ता में रहने के दौरान वे पद्म भूषण सम्मान भी बेचते थे. कांग्रेस के चुनाव चिह्न हाथ का उल्लेख करते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचार के साथ. आम आदमी जब परेशान था, तब कांग्रेस और गांधी परिवार मस्ती कर रहे थे.

चार्जशीट में सामने आई ये बात

चार्जशीट के मुताबिक, राणा कपूर ने ईडी को बताया कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि उन्होंने एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने से मना किया, तो इससे उन्हें गांधी परिवार से संबंध बनाने में न सिर्फ बाधा उत्पन्न होगी बल्कि पद्म भूषण सम्मान प्राप्त करने में भी कठिनाई होगी. राणा कपूर ने ईडी को यह भी बताया कि सोनिया गांधी के विश्वस्त अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि सोनिया गांधी के उपचार के लिए एक उपयुक्त समय पर गांधी परिवार का सहयोग कर उन्होंने अच्छा काम किया है और पद्म भूषण के लिए उनके नाम पर समुचित विचार किया जाएगा.

प्रियंका गांधी ने बनाया दवाब: बीजेपी

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के नेताओं पर पेंटिंग की खरीदी सुनिश्चित करने के लिए दवाब बनाया करते थे. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने दवाब बनाया कि कपूर दो करोड़ रुपये में पेंटिंग खरीदें. चार्जशीट के मुताबिक कपूर ने दावा किया है कि उन्होंने पेंटिंग के एवज में दो करोड़ रुपये की राशि का भुगतान चेक से किया. साथ ही,पूर्व कांग्रेस सांसद और दिवंगत मुरली देवड़ा के पुत्र मिलिंद देवड़ा ने गोपनीय तरीके से उन्हें सूचना दी कि इस पेंटिंग की बिक्री से मिलने वाले धन का उपयोग गांधी परिवार सोनिया गांधी के न्यूयॉर्क में उपचार कराने पर करेगा.

पेंटिंग को नहीं खरीदेंगे तो भुगतना होगा खामियाजा

भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ईडी के समक्ष राणा के इकबालिया बयान से साफ हो गया है कि गांधी परिवार और कांग्रेस न केवल जबरन वसूली करती है बल्कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी सबसे अधिक बोली लगाने वालों या दरबारियों को बेचती है, जो उनकी बोली लगाते हैं. भाटिया ने दावा किया कि कपूर दो करोड़ रुपये देने का तैयार नहीं थे, लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के मंत्रियों द्वारा उनपर दबाव बनाया गया और कहा गया कि यदि वे पेंटिंग को नहीं खरीदेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा.

राणा कपूर का आरोप राजनीतिक प्रतिशोध: कांग्रेस

वहीं, कांग्रेस ने यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर के आरोप को रविवार को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और उनकी तथा ईडी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. राणा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह निश्चित ही आश्चर्यजनक है. मैं कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहता. यह निश्चित ही घृणित है कि वर्ष 2010 की लेनदेन, एक व्यक्ति जो सालों से जेल में है, जिसकी जमानत की 20-30 अर्जी खारिज हो चुकी है, जिसे धोखेबाज और जालसाज कहा जाता है, उसने मृत लोगों के बारे में आरोप लगाये हैं और सरकार खुशी से उछल रही है क्योंकि यह उसके राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुकूल है.

सरकार बनाए रखना चाहती है मुद्दा

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार वर्ष 2010 की लेनदेन के विषय को वर्ष 2022 में भी मुद्दा बनाये रखना चाहती है और वह भी तब, जब न तो मुरली देवड़ा और न ही अहमद पटेल इसका खंडन करने के लिए जिंदा हैं. सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इसका उद्देश्य क्या है, क्या यह सरकार के दबाव के हथकंड़े और जेल में कैद व्यक्ति पर जबरदस्ती है जो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बयान देकर अपनी आजादी हासिल करने को आतुर है और केवल राजनीतिक सुविधा के लिए 12 साल पुराने विषय को ज्वलंत रखना है.

सिंघवी ने नोटबंदी का किया जिक्र

सिंघवी ने मार्च 2014 का हवाला देते हुए कहा कि जब यस बैंक का ऋण 55 हजार करोड़ रुपये था जो वर्ष 2019 में पांच गुना बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने कहा कि यस बैंक के ऋण में नाटकीय रूप से इन दो तारीखों के बीच वृद्धि दिखती है जो मोदी सरकार के लिए बहुत असहज है और जिसके बारे में न तो सरकार और न ही प्रधानमंत्री बात करते हैं. मार्च 2016 में यह 98 हजार करोड़ रुपये था, जो मार्च 2018 में बढ़कर 2.03 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो दोगुने से भी ज्यादा की वृद्धि है. याद करिए जब नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई थी.

ईडी की विश्वसनीयता पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

सिंघवी ने रेखांकित किया कि भाजपा नीत हरियाणा सरकार ने 2,500 करोड़ रुपये सरकारी धन का निवेश डूबते यस बैंक के खातों में किया था. उन्होंने कहा कि वे राजनीतिक प्रतिशोध के लिए लोगों में भय की मानसिकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें उससे बेहतर करना चाहिए. कम से कम मृत लोगों को तो बख्श देना चाहिए. कम से कम देवड़ा और अहमद पटेल जैसे लोगों की मानहानि नहीं करें. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी ईडी की विश्वसनीयता के बारे में जानते हैं और उससे भी ज्यादा इस मामले में उस आरोपी व्यक्ति की विश्वसनीयता को जानते हैं जिसने इस मामले में बयान दिया है. उल्लेखनीय है कि राणा कपूर को मार्च 2020 में गिरफ्तार किया गया था और इस समय वह न्यायिक हिरासत में हैं.

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