Raja Raghuwanshi Murder Case: राजा रघुवंशी की मेघालय में हुई हत्या और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी पर लगे आरोपों ने कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं. यदि कोर्ट में सोनम को दोषी पाया जाता है, तो क्या वह अपने पति की संपत्ति की हकदार रहेगी? इस सवाल का उत्तर भारतीय उत्तराधिकार कानून, यानी Hindu Succession Act, 1956 की धारा 25 और धारा 27 में आती है.
धारा 25 हत्यारे को संपत्ति से बाहर कर देती है
धारा 25 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है या हत्या करने में सहायता करता है, तो वह मृतक की संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं बन सकता. यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति अपने अपराध से लाभ नहीं उठा सके. इसका उद्देश्य यह है कि हत्या करने वाले को मृतक की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं मिलना चाहिए क्योंकि उसे कानूनी दृष्टिकोण से मृतक के परिवार से बाहर माना जाता है.
क्या सोनम को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा?
यदि कोर्ट में यह साबित हो जाता है कि सोनम ने राजा रघुवंशी की हत्या की योजना बनाई थी या उसमें शामिल थी, तो वह धारा 25 के तहत अयोग्य ठहराई जाएंगी. इसका मतलब है कि उन्हें राजा की स्वयं अर्जित संपत्ति और पैतृक संपत्ति दोनों में से कोई भी हिस्सा नहीं मिलेगा.
क्या केवल आरोप लगने से संपत्ति का अधिकार प्रभावित होगा?
नहीं, केवल आरोप लगने से संपत्ति का अधिकार प्रभावित नहीं होता. जब तक कोर्ट में यह साबित नहीं हो जाता कि सोनम ने हत्या की है, तब तक वह राजा की संपत्ति की हकदार बनी रहेंगी. यह कानूनी प्रक्रिया की निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए है.
यदि हत्या का आरोप साबित नहीं होता तो क्या होगा?
यदि कोर्ट में यह साबित नहीं होता कि सोनम ने हत्या की है, तो वह राजा की संपत्ति की हकदार रहेंगी. हालांकि, यदि यह साबित होता है कि उन्होंने हत्या की साजिश की थी, तो भी उन्हें संपत्ति से वंचित किया जा सकता है.