Rahul Gandhi Attacks On SIR: राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में आगे लिखा- “SIR के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है – नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई. हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या – SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया जुल्म है. ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें. मकसद साफ है – सही मतदाता थककर हार जाए, और vote chori बिना रोक-टोक जारी रहे. भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर भारत का चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है. अगर नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती – और ECI 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय उचित समय ले कर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता.”
सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने एक्स पर आगे लिखा- “SIR एक सोची-समझी चाल है – जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और BLOs की अनावश्यक दबाव से मौतों को कोलैटरल डैमेज मान कर अनदेखा कर दिया है. यह नाकामी नहीं, षड़यंत्र है – सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है.”
मल्लिकार्जुन खरगे ने भी SIR पर बोला हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी SIR पर हमला बोला. उन्होंने एक्स पर पोस्ट डाला और लिखा- मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का जल्दबाजी में किया गया क्रियान्वयन नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है.
खरगे ने अपने पोस्ट में क्या लिखा?
खरगे ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की. जिसमें दावा किया गया है कि मतदाता सूची के SIR के दौरान 19 दिन में 16 बीएलओ की मौत हो चुकी है. खरगे ने लिखा, ‘‘मेरी संवेदनाएं हर उस परिवार के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. जमीनी हकीकत की बात करें तो मृतकों की वास्तविक संख्या बताई गई संख्या से कहीं ज्यादा है, जो बेहद चिंताजनक है. इन परिवारों को न्याय कौन दिलाएगा?. भाजपा चोरी से हासिल सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त है और निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है. SIR का जल्दबाजी में, अनियोजित तरीके से जबरन क्रियान्वयन नोटबंदी और कोविड-19 लॉकडाउन की याद दिलाता है.’’

