Operation Sindoor: थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को किसी भी पारंपरिक मिशन से अलग बताया. साथ ही उन्होंने अभियान को शतरंज की बाजी जैसा भी बताया. सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी.”
अगले युद्ध के लिए रहना होगा तैयार: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के साथ-साथ ये भी कहा कि अगले युद्ध के लिए हमें तैयार रहना होगा. जंग के लिए तैयारी करनी होगी. उन्होंने इसके लिए ड्रोन की डिमांड भी कर दी है. साथ ही सेना प्रमुख ने कहा- दुनिया में अभी 56 संघर्ष चल रहे हैं. 92 देश किसी न किसी संघर्ष में शामिल हैं.
ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज की बाजी खेली : सेना प्रमुख
IIT मद्रास में एक समारोह को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर मई में की गई भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाई की जटिलताओं को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज की बाजी खेली. इसका क्या मतलब है? इसका मतलब है कि हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं. इसे हम ‘ग्रे जोन’ कहते हैं. ‘ग्रे जोन’ का मतलब है कि हम पारंपरिक ‘ऑपरेशन’ नहीं कर रहे, लेकिन हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जो पारंपरिक ‘ऑपरेशन’ से थोड़ा हटकर हो.’’
सेना प्रमुख ने बताया पारंपरिक ऑपरेशन और ग्रे जोन में क्या है अंतर
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पारंपरिक ‘ऑपरेशन’ का मतलब है, सबकुछ लेकर जाओ, जो कुछ आपके पास है उसे ले जाएं और अगर आप वापस आ सकते हैं तो वापस आ जाएं, नहीं तो वहीं रहें. इसे पारंपरिक तरीका कहा जाता है. यहां, ‘ग्रे जोन’ का मतलब है कि हर क्षेत्र में होने वाली कोई भी गतिविधि, हम इसी के बारे में बात कर रहे हैं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हमें सिखाया कि यही ‘ग्रे जोन’ है.’’
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