Online Gaming Bill: राज्यसभा में ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इसपर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि समाज में एक बहुत बड़ी बुराई आ रही है जिससे बचने के लिए इस विधेयक को लाया गया.
ऑनलाइन गेमिंग के कारण कई परिवार बर्बाद हो गए : वैष्णव
उच्च सदन में विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुए वैष्णव ने कहा कि ‘ऑनलाइन मनी गेम’ आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बन गया है और कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें इसकी लत लग जाती है तथा वह जिदंगी भर की बचत (ऑनलाइन) गेम में उड़ा देते हैं. मंत्री ने कहा कि इस ऑनलाइन गेमिंग के कारण कई परिवार बर्बाद हो गए और कई आत्महत्याएं हुई हैं. उन्होंने इस संबंध में कई खबरों का हवाला भी दिया. उन्होंने इस बात पर चिंता जतायी कि देश के युवाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण विधेयक पर विपक्ष के सदस्यों को चर्चा में भाग लेना चाहिए. जिस समय वैष्णव यह बात कह रहे थे, विपक्ष के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर नारेबाजी कर रहे थे.
Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 passed by the Rajya Sabha.
— ANI (@ANI) August 21, 2025
राज्यसभा में बिना चर्चा बिल पास
हंगामे के कारण संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने प्रस्ताव किया कि इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित कराया जाये जिसे उप सभापति हरिवंश ने मान लिया. इससे पहले वैष्णव ने कहा, ‘‘यह लगभग स्थापित हो गया है कि ऑनलाइन गेमिंग, मनी गेमिंग के कारण परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है.’’ उन्होंने दावा किया कि ऑनलाइन गेमिंग से धन शोधन और आतंकवाद का वित्तपोषण भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ‘ई-स्पोर्ट्स’ और ‘ऑनलाइन सोशल गेमिंग’ को बढ़ावा देना चाहती है तथा इनके लिए प्राधिकरण बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि गेम निर्माताओं को सहायता दी जाएगी.
बिल में क्या है?
विधेयक में ऑनलाइन ‘मनी गेमिंग’ या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं और यह इन्हें पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है. यह विधेयक सभी तरह की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ संबंधी गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है। इनमें पोकर, रमी जैसे गेम शामिल हैं.
कानून तोड़ने पर होगी 3 साल तक की सजा
विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर 3 वर्ष तक की कैद और/या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. मनी गेम का विज्ञापन करने पर दो साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. मनी गेम से संबंधित वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देने पर तीन साल तक की कैद और/या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. बार-बार अपराध करने पर तीन से पांच साल तक की कैद और दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने सहित बढ़ी हुई सज़ा दी जा सकती है. यह बात भी महत्वपूर्ण है कि विधेयक में प्रमुख धाराओं के तहत अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने की मांग की गई है.

