Covid Omicron Variant: साल 2019 में कोरोना वायरस या फिर कोविड-19 ने देश में कदम रखा और कदम रखने के कुछ ही समय के अंदर महामारी का रूप धारण कर लिया. इस महामारी की वजह से लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी और कईयों को काफी गंभीर बीमारियों के साथ भी जूझना पड़ा. जब देश में इस महामारी ने कदम रखा तो इसने कई तरह के अन्य वेरिएंट को भी जन्म दिया. कोविड के कई वेरिएंट सामने आये लेकिन, इसमें सबसे ज्यादा चिंता का विषय इसका ओमिक्रोन वेरिएंट बना. काफी लम्बे समय से शांत रहा कोरोना एक बार फिर से पैर पसारता हुआ दिखाई दे रहा है. इन में से सबसे ज्यादा चिंता का विषय इसका ओमिक्रोन वेरिएंट और उसके सब-वैरिएंट्स को माना जा रहा है. सामने आयी एक रिपोर्ट की माने तो पिछले चार महीनों के दौरान ओमिक्रोन के लगभग 1,900 से ज्यादा सबवैरिएंट्स पाए गए हैं.
लिखित जवाब में उच्च सदन को दी जानकारी
सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि भारत में Covid-19 का ओमीक्रोन वेरिएंट और उसके सब-वैरिएंट्स प्रभावी हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों के दौरान देश भर में आईएनएसएसीओजी द्वारा विश्लेषित नमूनों में 1,900 से अधिक ओमीक्रोन सब-वैरिएंट्स पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस के स्वरूप के उद्भव और स्वास्थ्य पर उनके संभावित प्रभावों को देखते हुए आईएनएसएसीओजी नेटवर्क प्रयोगशालाएं वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूप का पता लगाने के लिए नमूनों का पूर्ण जीनोम अनुक्रमण करती हैं.
नए वेरिएंट तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगाना काम
उल्लेखनीय है कि भारतीय SARS COV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया था. आईएनएसएसीओजी कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड-19 वायरस का विश्लेषण करता है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए वेरिएंट तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगाता है. (भाषा इनपुट के साथ)