Omar Abdullah Attack on PM Modi : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक सभा को संबोधित किया. अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर को लोकतंत्र बहाली के लिए लंबे समय तक इंतजार कराया गया. उन्होंने पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर कहा कि मेरे शुभचिंतकों ने मुझे बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ बड़ी घोषणा की जाएगी. आशा की किरण धुंधली पड़ रही है, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें बताया गया था कि जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों के बराबर लाया जाएगा. आज मैं पूछना चाहता हूं कि क्या हम ऐसा कर रहे हैं? उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से 60 लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक घायल हैं.
जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य बनेगा या नहीं ? उमर अब्दुल्ला का सवाल
उमर अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में सवाल किया कि क्या पहलगाम के हत्यारे और पड़ोसी देश तय करेंगे कि जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य बनेगा या नहीं ? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब राज्य का दर्जा देने (जम्मू कश्मीर के लिए) पर विचार किया जाए, तो पहलगाम (हमले) को भी ध्यान में रखा जाए.
यह भी पढ़ें : सुन ले पाकिस्तान अब हमने तय कर लिया, न्यूक्लियर धमकियों पर पीएम मोदी ने दे दी सबसे बड़ी चेतावनी
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के भविष्य को बदलने की दिशा में राज्य का दर्जा पहला कदम है.
आठ साल बाद ध्वजारोहण करने वाले पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने उमर अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला आठ साल बाद ध्वजारोहण और श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता करने वाले पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने 2017 में आखिरी बार यहां स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता की थी. जून 2018 में बीजेपी ने पीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद तत्कालीन राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया था.
यह भी पढ़ें : Pahalgam: उमर अब्दुल्ला ने आतंकवादियों को दिया मुंहतोड़ जवाब, पहलगाम में की कैबिनेट की बैठक
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठित किए जाने तक वहां कोई निर्वाचित सरकार नहीं थी. अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देता था. राज्य का पुनर्गठन कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद 2018 और 2019 में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल ने ध्वजारोहण किया, जबकि 2020 से 2024 तक यह जिम्मेदारी उपराज्यपाल ने निभाई. पिछले साल के अंत में विधानसभा चुनाव हुए, जिसके बाद उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.

