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Omicron India: वायरस के मूल्यांकन, बूस्टर डोज के लिए अधिक अनुसंधान की सिफारिश

Omicron India: समिति ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है.

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस (Covid19) के नये वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron Variant) पर बढ़ती चिंताओं के बीच संसदीय समिति ने कोविड-रोधी टीकों के असर का मूल्यांकन करने तथा कोरोना के नये स्वरूप पर काबू पाने के लिए बूस्टर डोज की जरूरत की जांच के लिए अधिक रिसर्च करने की सिफारिश की है.

स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें यह भी कहा कि ‘इम्यूनोस्केप’ तंत्र विकसित कर रहे नए स्वरूप से गंभीरता से निपटा जाना चाहिए. वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर के दौरान हुई जानमाल की क्षति के मद्देनजर समिति ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सार्स-कोव-2 के प्रसार पर अंकुश लगाने या रोकने के लिए किए गए उपाय पूरी तरह से अपर्याप्त साबित हुए हैं.

समिति ने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, बिस्तरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है. तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर सरकार को इस समय का इस्तेमाल सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में करना चाहिए.

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समिति ने पाया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षण सुविधाओं में सुधार की सख्त आवश्यकता है. इसने राज्यों में वीआरडीएल के साथ पीएचसी/सीएचसी के बीच समन्वय स्थापित करने की भी सिफारिश की है. पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘समिति का मानना है कि महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए संभावित संक्रामक लोगों का समय पर पता लगाना और उन्हें अलग-थलग करना बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए निदान संबंधी परीक्षण के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.’

कोरोना काल में जांच संबंधी ढांचा बेहद कमजोर रहा

इसके अलावा, समिति ने अपनी अन्य सिफारिशों में सरकार को अधिक टीकों को मंजूरी देना, वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाना, वितरण क्षमता बढ़ाने और टीकाकरण दर में वृद्धि के साथ इस कार्यक्रम को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाना शामिल है. समिति ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के चरम के लगभग छह महीने बाद आयी, लेकिन भारत में जांच संबंधी बुनियादी ढांचा ‘बेहद कमजोर और अत्यधिक अपर्याप्त’ रहा.

बुनियादी ढांचों की मजबूती पर मांगी ‘कार्य योजना’

समिति ने महामारी की तैयारियों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के वास्ते आवंटित 64,179.55 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के संबंध में ‘कार्य योजना’ से भी अवगत कराने की मांग की है.

एजेंसी इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

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