मणिपुर में पिछले दिनों हुई हिंसा की घटना के बाद राज्य में अबभी स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है. इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद ट्वीट कर मणिपुर के लोगों से खास अपील कर दी है. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, एनएच-2 राजमार्ग पर लगे अवरोधों को हटा लें, ताकि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें. मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि नागरिक समाज संगठन आम सहमति बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट में आगे कहा, कि हम सब मिलकर ही इस खूबसूरत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकते हैं.
पिछले 24 घंट में हिंसा की कोई खबर नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के चार दिवसीय दौरे के ठीक दूसरे दिन इंफाल पश्चिम जिले के दो गांवों में शुक्रवार रात बम और हथियारों से लैस संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने हमले किये, जिसमें 15 लोग घायल हुए. हालांकि उसके बाद से स्थिति फिलहाल सामान्य है. मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई. सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद शुक्रवार को 140 से अधिक हथियारों और गोला-बारूद के अलावा 35 और हथियार और गोला-बारूद सौंपे गए हैं. मणिपुर में कुल 88 बम भी बरामद किए गए.
सीआरपीएफ और सेना के जवान ‘बफर जोन’ में कर रहे गश्ती
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक (डीजी) सिंह ने कहा, मणिपुर में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है. शुक्रवार शाम से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ और सेना के जवान मणिपुर की घाटियों और पहाड़ियों के बीच ‘बफर जोन’ में गश्त कर रहे हैं और उन क्षेत्रों में शांति बनी हुई है. सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अधिकतर जगहों पर 12 घंटे के लिए कर्फ्यू हटाया गया और जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है.
अमित शाह ने मणिपुर का किया था चार दिवसीय दौरा
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों मणिपुर का चार दिवसीय दौरा किया था. जिसमें उन्होंने समाज के सभी वर्गों से मुलाकात की थी और शांति स्थापित करने की अपील भी की थी.
हिंसा में अबतक 98 लोगों की गयी जान
मालूम हो मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में कम से कम 98 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 310 अन्य घायल हुए हैं. हिंसा के चलते कुल 37,450 लोग विस्थापित हुए हैं और वे मौजूदा समय में 272 राहत शिविरों में रह रहे हैं. राज्य में शांति की बहाली के लिए सेना और असम राइफल्स के लगभग 10,000 जवानों को तैनात किया गया है.