kisan andolan latest updates : नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. किसान 31 दिन से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक आंदोलन खत्म करने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं हो पाई है. इस बीच सरकार की ओर से खत पर खत लिखे गये, लेकिन किसानों के साथ बात नहीं बनीं. वहीं, किसानों ने भी साफ कर दिया है कि सवाल कानून वापसी का है, सुधार का नहीं है. ऐसे में सरकार के साथ बात तभी बनेगी जब इस दिशा में वार्ता हो. भारत में नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
आंदोलन कर रहे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझ कर किसानों की मांग को नहीं मान रही. उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार को जवाब में स्पष्ट लिखा था कि सवाल कानून वापसी का है, सुधार का नहीं है, लेकिन सरकार समस्या का हल करने को राजी नहीं है. इसके खिलाफ किसान आज धिक्कार दिवस और कॉरपोरेट बहिष्कार कर रहे हैं. इसके साथ ही कल यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के दौरान थाली पीटकर अपना विरोध दर्ज करेंगे.
इधर, पंजाब से किसान का एक और जत्था आज दिल्ली कूच करेगा. दलबल के साथ करीब 15 हजार किसान खनौरी सीमा से दिल्ली में दाखिल होंगे. इससे पहले भारतीय किसान यूनियन एकता की ओर से किसानों के अधिकारों को पेश करने वाली तीन लाख पर्चे वितरित किए गये, जिसमें 2.5 लाख पंजाबी और 50 हजार हिंदी भाषा में छपे है. वहीं, 27 दिसंबर यानी रविवार को डबवाली बॉर्डर से भी 15 हजार से ज्यादा किसान दिल्ली में प्रवेश करेंगे.
राहुल ने कहा- सरकार को सुनना पड़ेगा : वहीं, राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसके कैप्शन में लिखा है, मिट्टी का कण-कण गूंज रहा है, सरकार को सुनना पड़ेगा. गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को राहुल गांधी कृषि कानून को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. जिसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान कानून के खिलाफ खड़ा है.
मोदी के रहते कोई जमीन नहीं छीन सकता-शाह : इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों की एमएसपी जारी रहेगी और मंडियों को खत्म नहीं किया जायेगा. उन्होंने ये भी कहा कि, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते किसानों की जमीन कोई भी कॉरपोरेट नहीं छीन सकता. वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसानों के हमदर्द बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनको भविष्य में जनता सबक सिखायेगी. इधर, आज किसान संगठनों की बैठक है. जिसमें किसान बातचीत के लिए दी गई नई पेशकश पर विचार कर सकते हैं. साथ ही किसान आगे की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे.
Posted by : Pritihs Sahay