Jagdeep Dhankhar Speech: आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य की लिखी किताब हम और यह विश्व का विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए जेपी धनखड़ ने कहा- भगवान करे कि कोई नैरेटिव के चक्कर में न फंस जाए, इस चक्रव्यूह में कोई फंस गया तो निकलना बड़ा मुश्किल है. उन्होंने आगे जो कहा, उसे सुनकर कार्यक्रम में शामिल सभी लोग ठहाका मार हंसने लगे. धनखड़ ने अपने संबोधन में नैरेटिव की चर्चा करते हुए आगे कहा- मैं अपनी बात नहीं कर रहा हूं. इसपर पूरा हॉल ठहाकों ये गूंज उठा.
अचानक इस्तीफा देकर धनखड़ ने चौंकाया था
पूर्व उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही इस साल 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था. जो काफी चौंकाने वाला फैसला था. किसी को यह बात समझ में नहीं आई कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि धनखड़ को पद से इस्तीफा देना पड़ा. विपक्ष आज भी इस मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला कर रही है. संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही उनके इस्तीफे को मंजूरी मिली थी. इसके बाद उन्हें आखिरी बार सितंबर में नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में देखा गया था.
मैं विमान में सवार होने के लिए अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ सकता : धनखड़
भाषण के दौरान एक व्यक्ति यह याद दिलाने के लिए धनखड़ के पास आया कि उन्हें शाम 7:30 बजे दिल्ली वापस जाने के लिए उड़ान में सवार होना है. पूर्व उपराष्ट्रपति ने इसके बाद उपस्थित लोगों को बताया कि उन्हें एक उड़ान में सवार होना है. उन्होंने कहा, “मैं विमान में सवार होने के लिए अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ सकता, और दोस्तों, मेरा हाल का अतीत इसका सबूत है.” इस बात पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों की हंसी छूट गई.
मीडिया से धनखड़ ने बनाई दूरी
संघ से जुड़े कार्यक्रम में जेपी धनखड़ के शिरकत करने को बीजेपी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के एक मजबूत राजनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली थी. मीडिया ने धनखड़ से बात करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कार्यक्रम के बाद वह मीडिया से बात किए बिना चले गए.
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