Indus Waters Treaty: भारत-पाकिस्तान तनाव पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, “सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता. कश्मीर पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना; हम इस चर्चा के लिए तैयार हैं.”
Indus Waters Treaty: पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष में भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, “हमें वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला. हमारे पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, और 7 मई को उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जवाबदेह ठहराया गया.”
#WATCH | Delhi | "…The Indus Waters Treaty is held in abeyance and will continue to be held in abeyance until the cross-border terrorism by Pakistan is credibly and irrevocably stopped… The only thing which remains to be discussed on Kashmir is the vacating of illegally… pic.twitter.com/rY1SxHI7Td
— ANI (@ANI) May 15, 2025
Indus Waters Treaty: पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे. यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है, और इसमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी. पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे सौंपने की आवश्यकता है, और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा. वे जानते हैं कि क्या करना है. हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं. ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं.”
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया
भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, “हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट करके जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल कर लिया है. चूंकि प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिए गए थे, इसलिए मुझे लगता है कि हमने उचित रूप से यह रुख अपनाया, क्योंकि ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह अलग खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे. उन्होंने इस अच्छी सलाह को न मानने का फैसला किया. 10 मई की सुबह उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया. यह स्पष्ट है कि गोलीबारी बंद करना कौन चाहता था.”