Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अपना दम दिखाया था. सेना ने तुर्की में बने दर्जनों यिहा ड्रोन को मार गिराया था. सोमवार को भारतीय सेना ने इसी यिहा ड्रोन के पुनर्निर्मित मॉडल की प्रदर्शनी लगाई. इन ड्रोन को सेना ने 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मार गिराया था. विजय दिवस के मौके पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कई तरह की भूमिका वाले कामिकेज श्रेणी के ड्रोन का प्रदर्शन किया गया.

पाकिस्तान ने किया था तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल
भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई तक चले संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना ने बड़ी संख्या में यिहा ड्रोन का इस्तेमाल किया था. पाकिस्तानी सेना इस मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहनों (UCAV) का इस्तेमाल विभिन्न भारतीय सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया था, हालांकि भारतीय सेना ने लगभग सभी ड्रोन को मार गिराया था.

भारतीय सेना ने लगाई यिहा ड्रोन की प्रदर्शनी
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया यिहा ड्रोन 10 मई को 2000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था. उन्होंने बताया कि इसे लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना किया गया था और इसका लक्ष्य जालंधर था. उन्होंने कहा कि 10 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री ले जा रहे ड्रोन को भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली (AAD) ने मार गिराया था. रिमोट से संचालित यह ड्रोन लक्ष्य से टकराते ही विस्फोट करने के मकसद से बनाया गया था.

भारतीय सेना ने ड्रोन को मार गिराया था
इस ड्रोन के पंखों की लंबाई दो मीटर थी. इस यूसीएवी को 170 सीसी हॉर्स पावर वाले टू-स्ट्रोक इंजन से संचालित किया जाता है. भारतीय सेना ने अपने एंटी ड्रोन सिस्टम के जरिए बड़ी संख्या में कामिकेज ड्रोन को नष्ट कर दिया था. कामिकेज श्रेणी के ड्रोन को आत्मघाती ड्रोन भी कहा जाता है. यह एक ऐसी अस्त्र प्रणाली हैं जो किसी लक्ष्य के ऊपर मंडरा सकता है, हमला करने से पहले यह परफेक्ट टारगेट को तलाशता है.


