नयी दिल्ली : ‘हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट’ दिल्ली और यूपी में 30 अक्टूबर से अनिवार्य कर दिया गया है. जिन वाहन मालिकों के पास हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होगा उनके कई काम आरटीओ आफिस से नहीं होंगे. दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित की राज्यों में 30 अक्टूबर के पहले सभी वाहन मालिकों के लिए ‘हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट’ अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार का यह आदेश सुरक्षा के दृष्टिकोण से आया है.
दिल्ली सरकार ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को दिल्ली में वर्ष 2019 में ही अनिवार्य कर दिया था, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू किया जायेगा. सरकारी आदेश के अनुसार अगर किसी वाहन में हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होगा तो उसे फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं दिया जायेगा. साथ ही परमिट या फिर वाहन के संबंध में अन्य कोई काम बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नहीं होंगे.
सरकारी आदेश के बाद जो लोग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना चाहते हैं वे इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, या फिर अपने डीलर से संपर्क कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने वालों को https://bookmyhsrp.com/Index.aspx पर जाकर आवेदन करना होगा.
एचएसआरपी में क्या है खास
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. इसमें मौजूद रजिस्ट्रेशन मार्क, होलोग्राम स्टीकर ऐसे होंगे कि निकालने की कोशिश पर वह खराब हो जायेंगे. इस पर लगे स्टीकर में गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ, रजिस्टर अथॉरिटी, लेजर ब्रांडेड परमानेंट नंबर, इंजन और चेसिस नंबर तक की जानकारी उपलब्ध होगी.
एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट 2001 में लगाने का फैसला लिया गया था, लेकिन कंपनियों ने इसको लेकर अदालत में चुनौती दी थी जिसके कारण यह योजना लंबे समय तक लागू नहीं हो पाई. हाई सिक्योरिटी प्लेट से अपराध करने वालों की धरपकड़ आसान होगी. प्लेट की मदद से वाहन स्वामी की तमाम जानकारी एक क्लिक पर कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जायेगी.
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कैसे करेगा काम
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट डायनेमिक है. इसमें जीपीएस आधारित एक चिप लगी होगी. इसकी मदद से पुलिस कंट्रोल रूम अथवा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कभी भी किसी भी गाड़ी को ट्रैक कर सकता है. डुप्लीकेट नंबर प्लेट बनने से रोकने के लिए इसमें लेजर मार्क और होलोग्राम जैसे सुरक्षा उपाय भी रखे गये हैं. ताकि धांधली से बचा जा सके.
Posted By : Rajneesh Anand