Ganga: कांग्रेस ने नमामि गंगे योजना के तहत आवंटित राशि खर्च नहीं होने को लेकर सवाल उठाया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा को निर्मल और स्वच्छ करने के वादे को भुला दिया और गंगा की सफाई के नाम पर मां गंगा को धोखा देने का काम किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत आवंटित 55 फीसदी राशि सरकार खर्च नहीं कर सकी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर खरगे ने लिखा है कि वर्ष 2014 में नमामि गंगे योजना शुरू की गयी और मार्च 2026 तक 42500 करोड़ रुपये खर्च होना था. लेकिन संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि दिसंबर 2024 तक सिर्फ 19271 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि आखिर केंद्र सरकार की मां गंगा के प्रति इतनी उदासीनता क्यों है? वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री ने एनआरआई ‘स्वच्छ गंगा कोष’ में योगदान देने का आग्रह किया था और मार्च, 2024 तक इस इस कोष में 876 करोड़ रुपये दान के तौर पर हासिल हुए. लेकिन अब तक इस कोष का 56.7 फीसदी पैसा उपयोग नहीं हो पाया है.
गंगा को स्वच्छ करने की योजनाओं की रफ्तार है धीमी
खड़गे ने कहा कि नमामि गंगे की 38 फीसदी परियोजनाएं अभी लंबित हैं. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए कुल आवंटित धन का 82 फीसदी राशि खर्च होना था, लेकिन 39 फीसदी एसटीपी अभी भी पूरे नहीं हो पाई है और जो बन गए है वो पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे हैं. सरकार दावा करती है कि गंगा नदी को स्वच्छ बनाया गया है, लेकिन एनजीटी नवंबर 2024 में वाराणसी में गंगा की सफाई बनाए रखने में प्रशासन की विफलता पर कड़ी आपत्ति जाहिर कर गंगा जल को नहाने के योग्य नहीं माना था. ऐसे में सरकार की गंगा सफाई के दावे पूरी तरह विफल हैं. उन्होंने कहा कि ‘गंगा’ देश की संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर है. लेकिन मोदी सरकार ने गंगा के नाम पर भी धोखा देने का काम किया है.
गंगा ग्राम के नाम पर केंद्र सरकार ने सिर्फ शौचालयों का निर्माण कराया है. पांच राज्यों में गंगा के किनारे 1.34 लाख हेक्टेयर भूमि पर वन लगाना था, लेकिन वर्ष 2022 तक 78 फीसदी क्षेत्र में वन लगाने का काम नहीं हुआ और इस फंड का भी इस्तेमाल नहीं किया गया. उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अधिकांश सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट काम नहीं कर रहे हैं और अभी भी गंदे नाली का पानी गंगा नदी में गिर रहा है.
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