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लॉकडाउन से संक्रमण पर अंकुश की संभावना कम : फिच

फिच सोल्यूशंस ने कहा है कि भारत में ‘लॉकडाउन’ की अवधि करीब तीन सप्ताह बढ़ाने के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने में मदद मिलने की उम्मीद कम है. इतना ही नहीं सरकार की अबतक धीमी प्रतिक्रिया से आर्थिक तथा मानवीय संकट और बढ़ेगा.

नयी दिल्ली : फिच सोल्यूशंस ने कहा है कि भारत में ‘लॉकडाउन’ की अवधि करीब तीन सप्ताह बढ़ाने के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने में मदद मिलने की उम्मीद कम है. इतना ही नहीं सरकार की अबतक धीमी प्रतिक्रिया से आर्थिक तथा मानवीय संकट और बढ़ेगा. उसने एक रिपोर्ट में कहा, की भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाये जाने के पीछे कारण धीमी और कमजोर वित्तीय पहल तथा कोरोना वायरस महामारी की खराब होती स्थिति है. हमारा मानना है कि इससे निजी खपत और निवेश दोनों घटेंगे. उसने कहा, लेकिन भारत की 1.3 अरब की आबादी को देखते हुए भारत संक्रमण उच्च स्तर के करीब नहीं पहुंचा है.

कोरोना वायरस के संक्रमण से पिछले 24 घंटों के दौरान 49 लोगों की मौत हो गयी है और इस दौरान संक्रमण के 1486 नये मामले सामने आये हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.

मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 20471 हो गयी है. हालांकि, उपचार के बाद स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3959 हो गयी है. यह आंकड़ा संक्रमण की चपेट में आये मरीजों का 19.34 प्रतिशत है. इस बीच कोरोना के खिलाफ देशव्यापी अभियान में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक अध्यादेश जारी करने और इसके लिये महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन करने के मंत्रालय के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी.

राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईसी) द्वारा किये जा रहे इस सर्वेक्षण में फोन नंबर 1921 से लोगों के मोबाइल फोन पर कॉल की जायेगी. मंत्रालय ने देश के नागरिकों से इस सर्वेक्षण में भागीदारी करने और सही प्रतियुत्तर (फीडबैक) देने की अपील करते हुये कहा कि इसमें सभी से कोरोना के लक्षणों के बारे में पूछा जायेगा. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के लक्षण उभरे बिना ही संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इस सर्वेक्षण के माध्यम से संभावित संक्रमितों की पहचान करने के लिये यह पहल की है.

मंत्रालय ने हालांकि, इस सर्वेक्षण की आड़ में मिलते जुलते फोन नंबरों से होने वाले फर्जी सर्वेक्षणों से बचने की सलाह देते हुये लोगों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके फोन पर 1921 नंबर से ही कॉल की गयी है या नहीं. मंत्रालय ने राज्य सरकारों से भी इस सर्वेक्षण के बारे में लोगों को स्थानीय स्तर पर अवगत कराने के लिये कहा है.

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