Delimitation: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. सीएम स्टालिन ने उन्हें राज्य का साथ देने और लोकसभा सीट के परिसीमन पर एक संयुक्त कार्रवाई समिति का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीएम स्टालिन ने 22 मार्च 2025 को चेन्नई में जेएसी की पहली बैठक का प्रस्ताव रखा और नेताओं से आगे की दिशा में सामूहिक प्रयास करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया है. सीएम स्टालिन ने जिस राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण दिया है उनमें आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीएम भी शामिल है. यहां एनडीए और बीजेपी की सरकार है.
सीएम स्टालिन ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
सीएम एमके स्टालिन सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद्र सरकार की प्रस्तावित परिसीमन का विरोध करने के लिए बनाई गई जॉइंट एक्शन कमेटी में शामिल होने की अपील की है. रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी की पहली बैठक 22 मार्च को चेन्नई में प्रस्तावित है. जिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उन्होंने निमंत्रण दिया है उनमें केरल सीएम पी विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू, पुडुचेरी के एन रंगास्वामी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी को बैठक के लिए आमंत्रित किया है.
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क्या है मुद्दा
अपने पत्र में स्टालिन ने कहा है कि रिपोर्ट जो पता चलता है उसके मुताबिक जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया तय किया जा रहा है. उन्होंने दो संभावना जताई है. पहला, मौजूदा 543 सीट को राज्यों के बीच पुनर्वितरित किया जा सकता है और दूसरा सीट की कुल संख्या 800 से अधिक की जा सकती है. स्टालिन ने कहा है कि दोनों ही स्थितियों में यदि यह कवायद 2026 के बाद की जनसंख्या पर आधारित है, तो वे सभी राज्य जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को सफलतापूर्वक लागू किया है, उन्हें काफी नुकसान होगा. उन्होंने कहा है कि हमें जनसंख्या वृद्धि को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए इस तरह दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
स्टालिन के कहा- हमें तलाशना होगा विकल्प
अपने पत्र में सीएम स्टालिन ने कहा “जब हमारे लोकतंत्र की नींव ही दांव पर लगी हो, तो क्या हम ऐसे अस्पष्ट आश्वासनों को स्वीकार कर सकते हैं? जब हमारे राज्यों का भविष्य अधर में लटका हो, तो क्या हम पारदर्शी संवाद के हकदार नहीं हैं?” उन्होंने कहा कि हमें मिलकर ऐसे विकल्प की तलाश करनी चाहिए जो जो प्रतिशत के लिहाज से हमारे मौजूदा प्रतिनिधित्व को बनाए रखें. सीएम स्टालिन ने प्रस्तावित जेएसी में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्रियों और पार्टी प्रमुखों की सहमति भी मांगी है.