Delhi Terror Blast: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत अल फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है. अल फलाह समूह के संबंध में पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा दर्ज की गई ईसीआईआर की चल रही जांच में तलाशी के बाद यह गिरफ्तारी हुई.
अल फलाह समूह के खिलाफ दो FIR दर्ज
ईडी ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अल फलाह समूह के खिलाफ दो FIR दर्ज की है. इन प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया था कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने गलत लाभ के लिए छात्रों, अभिभावकों और हितधारकों को धोखा देने के इरादे से एनएएसी मान्यता के धोखाधड़ीपूर्ण और भ्रामक दावे किए हैं. एफआईआर में आरोप है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12(बी) के तहत यूजीसी मान्यता का झूठा दावा किया है, जिसका उद्देश्य अभ्यर्थियों, छात्रों, अभिभावकों, अभिभावकों, हितधारकों और आम जनता को धोखा देकर गलत तरीके से लाभ प्राप्त करना और उन्हें नुकसान पहुंचाना है.
यूजीसी ने अल-फलाह विश्वविद्यालय पर की है कार्रवाई
यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय को केवल धारा 2(एफ) के तहत एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल किया गया है, इसने कभी भी धारा 12(बी) के तहत शामिल होने के लिए आवेदन नहीं किया है, और वह उस प्रावधान के तहत अनुदान के लिए पात्र नहीं है.
दिल्ली धमाके बाद अल-फलाह विश्वविद्यालय पर कड़ी कार्रवाई
सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ और 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय जांच के दायरे में आ गया है. जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए डॉ मुजम्मिल गनई और डॉ शाहीन सईद का विश्वविद्यालय से संबंध था, जबकि डॉ उमर नबी वहां सहायक प्रोफेसर था. नबी ही वह व्यक्ति बताया जा रहा है जो लाल किला क्षेत्र में विस्फोट करने वाली हुंडई आई20 कार चला रहा था.
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