Defense: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए है. स्वदेशी उपकरणों के निर्माण के साथ रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है. साथ ही रक्षा क्षेत्र में इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इस कड़ी में डिफेंस इनोवेशन आर्गेनाईजेशन(आईडेक्स-डीआईओ) ने रक्षा क्षेत्र में आधुनिक दोहरी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एडसिल इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है.
इस समझौते का मकसद एस्पायर(एसेलेरेटिंग स्ट्रेटेजिक प्रोग्रेस इन रिसर्च एंड एजुकेशन) के तहत उभरती एड-टेक तकनीक का विकास करना है. आईडेक्स-डीआईओ रक्षा मंत्रालय का प्रोग्राम है, जबकि एडसिल इंडिया लिमिटेड केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली मिनी रत्न कंपनी है. समझौते का मकसद आईडेक्स इनोवेशन को रक्षा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ावा देना है. इसका मकसद देश में स्वदेशी क्षमता का विकास करना है ताकि देश में ही आधुनिक तकनीक का विकास और निर्माण हो सके. इस समझौते से देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम का सही उपयोग करने का नया मंच तैयार होगा.
इनोवेशन एंड रिसर्च के क्षेत्र में देश को सशक्त बनाना है लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 में आईडेक्स को लांच किया था और यह रक्षा क्षेत्र के इकोसिस्टम के विकास के लिए गेम चेंजर साबित हुआ है. कम समय में इस योजना के कारण रक्षा क्षेत्र में सैकड़ों स्टार्टअप का गठन हुआ है और मौजूदा समय में लगभग 650 स्टार्टअप और छोटे एवं लघु उद्योग आईडेक्स योजना से जुड़े हुए है. इस योजना के तहत विकसित 50 उत्पादों के खरीद के लिए 3250 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया जा चुका है और 1652 करोड़ रुपये के 36 उत्पाद की खरीद को मंजूरी दी गयी है.
इस खरीद प्रक्रिया से जाहिर होता है कि आईडेक्स के कारण रक्षा क्षमता को बेहतर बनाने में मदद मिली है. वहीं शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले एडसिल इंडिया लिमिटेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, कंसल्टेंसी, एड-टेक और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी अन्य तरह की सेवा मुहैया कराना है. पिछले एक दशक में एडसिल की सालाना वृद्धि दर 24 फीसदी रही है. वर्ष 2014-15 में कंपनी का राजस्व 74 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 655 करोड़ रुपये हो गया है. सरकार की कोशिश आईडेक्स के जरिये इनोवेशन को शिक्षण संस्थानों तक पहुंचाने की है.

