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कोरोना के तीसरे लहर की आशंका के बीच विशेषज्ञों की चेतावनी, कितना असरदार है वैक्सीनेशन और लॉकडाउन

coronavirus third wave in India : देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गयी है. वर्तमान हालात को देखते तीसरे लहर का आना तय माना जा रहा है. कोरोना वायरस की संक्रामक दर को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने भी इस बात की चेतावनी दी है.

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गयी है. वर्तमान हालात को देखते तीसरे लहर का आना तय माना जा रहा है. कोरोना वायरस की संक्रामक दर को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने भी इस बात की चेतावनी दी है.

इससे पहले भी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (CSIR) के निदेशक सी मांडे भी चेतावनी जारी कर चुके हैं की कोरोना की तीसरी लहर दूसरे लहर की तुलना में ज्यादा खतरनाक हालात पैदा करेगी. ऑक्सीजन की कमी को लेकर सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी करते हुए वैक्सीनेशन पर जोर देने और ऑक्सीजन के लिए बफर जोन बनाने के लिए कहा था.

हालांकि एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया के मुताबिक देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी तक चरम पर नहीं पहुंची है. जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के बारे में बात करना शुरू कर दिया है. डॉ गुलेरिया ने तीसरी लहर की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि उस समय तक देश में बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण हो चुका होगा, इसलिए यह दूसरी लहर जितनी बड़ी नहीं होगी और इसे रोकना करना आसान होगा.

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इधर कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र ने जिस तरह के ऑक्सीजन प्रबंधन पर काम किया है और दूसरे लहर को रोकने के लिए प्रयास किया है. केंद्र और सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र की तारीफ कर चुके हैं. इस महीने की शुरूआत में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा था कि हम तीसरी लहर की तैयारी अभी से ही कर रहे हैं. अगर मामले कम हुए हैं तो उसे हल्के में नहीं लें. वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि महाराष्ट्र में जुलाई अगस्त के बीच तीसरी लहर देखी जा सकती है.

मौजूदा हालात में देश में जब दूसरी लहर में मामले कम हो रहे हैं वहीं कई शहर और जिलों में कोरोना की तीसरी और चौथी लहर शुरू हो गयी है. उदाहरण के तौर पर बात करें तो दिल्ली में पहली बार जून में एक दिन में सबसे ज्यादा 3947 मामले सामने आये थे. फिर दूसरी बार सितंबर में 4473 मामले और तीसरी बार नवंबर महीने में 8953 नये मामले सामने आये थे.

विशेषज्ञ यह मानते हैं कि कोरोना का रोकने के लिए लॉकडाउन एक प्रभावी कदम हो सकता है, इससे दैनिक मामलों में कमी आ सकती है. पर विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि भ‍विष्य में मामलों में होने वाले उछाल को रोकने के लिए टीकाकरण एकमात्र तरीका है. दूसरे देशों के में किये गये टीकाकरण के अनुभवों के मुताबिक 15 फीसदी आबादी को वैक्सीन की दूसरी खुराक मिलने के बाद संक्रमण स्थिर हो जाता है. जबकि भारत में अब तक कुल आबादी के दो फीसदी लोगों का ही वैक्सीनेशन पूरा हुआ है.

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Posted By: Pawan Singh

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