27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

कोरोना का इलाज करेगी ये दवा? 1970 की इस दवा से पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को उम्मीद

कोरोना वायरस की वैक्सीन के पूरी दुनिया रिसर्च कर रही है. इस बीच एक पुराने दवा की चर्चा जोरों पर है जो दवा का नाम है आरएलएफ-100 इस दवा के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह इस दवा की मदद से कोरोना संक्रमित स्वस्थ हो रहे हैं. शुरुआती शोध के अनुसार यह कहा गया है कि यह दवा वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकती है. मुंबई में ज्यादातर डॉक्टरों को मरीजों को यही दवा लिख रहे हैं. यह दवा अब भारत में मौजूद नहीं है.

मुंबई : कोरोना वायरस की वैक्सीन के पूरी दुनिया रिसर्च कर रही है. इस बीच एक पुराने दवा की चर्चा जोरों पर है जो दवा का नाम है आरएलएफ-100 इस दवा के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह इस दवा की मदद से कोरोना संक्रमित स्वस्थ हो रहे हैं. शुरुआती शोध के अनुसार यह कहा गया है कि यह दवा वायरस को फेफड़ों तक पहुंचने से रोकती है. मुंबई में ज्यादातर डॉक्टरों को मरीजों को यही दवा लिख रहे हैं. यह दवा अब भारत में मौजूद नहीं है.

भारत में ही नहीं इस दवा की चर्चा विदेशों में भी है. यही कारण है कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कोरोना वायरस के इलाज में आरएलएफ-100 (RLF-100) के इस्तेमाल की इजाजत दे दी. इस दवा का इस्तेमाल आपात स्थिति में किया जा सकेगा. इसे आरएलएफ-100 दवा को एविप्टाडिल नाम से भी जाना जाता है

Also Read: प्राइवेट ट्रेन को रहना होगा समय का पाबंद नहीं तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना

किस तरह काम करता है आरएलएफ 100

आरएलएफ-100 या एविप्टाडिल इसके फार्मूले का नाम है human Vasoactive Intestinal Polypeptide (VIP) . वीआईपी पूरे शरीर में फैलता है लेकिन इसका ज्यादातर हिस्सा फेफड़े में रह जाता है. यह इम्यून सेल और नर्व के जरिये काम करता है लेकिन बर्ताव करता है न्यूरोट्रांसमीटर की तरह जो मसल एक्टिविटी और खून के बहाव को

इसके साथ ही वीआईपी का एक विशेष कम है जो शोध से पता चला. इसमें साइटोकाइन विरोधी और सूजन विरोधी क्षमता भी है. शुरुआती शोध में यह भी पता चला है कि दवा वायुकोशिका की भी रक्षा करते हैं जिसका टाइप II सांस लेने में मदद करता है. इसकी की मदद से फेफड़े में हवा भरती है और निकलती है.

कोरोना वायरस सबसे पहले फेफड़े और वायु कोशिकाओं पर ही हमला करता है. अब यह दवा इसी से रक्षा करती है . इस दवा के उपयोग से गंभीर रूप से कोविड-19 के मरीज तेजी से स्वस्थ हुए जिन्हें सांस लेने में कठिनाई की शिकायत थी. ह्यूस्टन मेथडिस्ट अस्पताल ने इस दवा के इस्तेमाल से वेंटीलेटर वाले मरीजों के तेजी से स्वस्थ होने की जानकारी

एक रिपोर्ट के अनुसार 54 साल के व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने के बाद दवा दी गई. दवा के इस्तेमाल से व्यक्ति को चार दिन के भीतर वेंटीलेटर से हटाने में सफलता मिली. इसके अलावा 15 से अधिक मरीजों पर भी इलाज के सकारात्मक नतीजों का दावा कि

Posted By – Pankaj Kumar Patha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें