Congress:इस साल जुलाई से सितंबर के लिए जारी जीडीपी आंकड़ों में कमी आने को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि भारत का विकास धीमी गति से होना चिंता का विषय है. देश का सकल घरेलू उत्पाद में कमी के अलावा निवेश में कमी आना चिंताजनक है. मजदूरों के वेतन में वृद्धि नहीं होने के कारण विकास सुस्त हो रहा है. जीडीपी के आंकड़े अनुमान से कहीं अधिक खराब है और खपत दर सिर्फ 6 फीसदी रही है. इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मजदूरों के वेतन में वृद्धि काफी कम रही है, यही नहीं कई राज्यों में इसमें कमी आयी है. इसके कारण लोगों की क्रय शक्ति में कमी आयी है और जीडीपी के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं. औसत भारतीय 10 साल पहले के मुकाबले कम खरीदारी कर पा रहा है क्योंकि इस दौरान महंगाई बढ़ी, लेकिन आय में इजाफा नहीं हुआ. इसके कारण लोगों 0के पास कम खर्च के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
कांग्रेस के शासनकाल में मजदूरों की आय बढ़ी
जयराम रमेश ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान मजदूरों की औसत मजदूरी हर साल 6 फीसदी से अधिक बढ़ी. जबकि वर्ष 2014-23 के दौरान मजदूरों की मजदूरी स्थिर रही. यही नहीं वर्ष 2019-24 के दौरान इसमें गिरावट आयी है. इंडिया रेटिंग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास में कमी के लिए मजदूरों की मजदूरी में कमी आना मुख्य कारण बताया गया है. जब मजदूरी स्थिर या कम होती है तो खपत में कमी आती है. हाल के दिनों में कई उद्योगपतियों ने भी खपत कम होने की बात कही है.
विकास दर में कमी का आम लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है. गौरतलब है कि कोर सेक्टर के विकास में कमी आने से जीडीपी के आंकड़े उम्मीद के विपरीत हैं.