Congress: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारी तेज कर दी है. राहुल गांधी के वोटर अधिकार यात्रा के बाद मंगलवार को बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर अहम बैठक हुई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, किशनगंज के सांसद मोहम्मद जावेद, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव, विधायक दल के नेता शकील अहमद के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. करीब दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थित, कांग्रेस संगठन की स्थिति, चुनावी तैयारी और गठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा होने की बात बतायी जा रही है. साथ ही राहुल गांधी के वोटर अधिकार यात्रा के असर की समीक्षा की गयी.
सूत्रों का कहना है कि पिछली बार की तरह कांग्रेस गठबंधन में 70 सीटों की मांग कर रही है. लेकिन महागठबंधन में शामिल अन्य दल जैसे वाम दल, मुकेश सहनी की विकास इंसान पार्टी की ओर से अधिक सीटों की दावेदारी की जा रही है. वहीं राजद इस बार कम से कम 140 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. राजद इस बार कांग्रेस को 70 सीट देने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उलझन बढ़ गयी है. कांग्रेस की बैठक में सीट बंटवारे में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गयी ताकि अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ा जा सके.
पार्टियों को जमीनी ताकत से आधार पर मिलेगी सीट
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा कि बैठक में नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. राहुल गांधी को बिहार में वोटर अधिकार यात्रा ने दिखाया है कि कांग्रेस की स्थिति राज्य में कितनी मजबूत हुई है. यह सही है कि पिछले 20 सालों से राज्य में पार्टी का संगठन कमजोर रहा है, लेकिन अब बिहार की जनता कांग्रेस की ओर देख रही है. पिछले 20 साल से बिहार में भाजपा और जदयू की सरकार है. इस दौरान राज्य में पलायन बढ़ा है और बिहार के लोग रोजगार के अभाव में दूसरे राज्यों में काम करने को मजबूर है.
जावेद ने कहा कि सीमांचल इलाका अभी भी विकास के मामले में पीछे है. अब बिहार के लोग राज्य में बदलाव के लिए राजद और कांग्रेस की सरकार बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं की गयी. लेकिन पार्टियों को ताकत के आधार पर सीट मिलेगी. अच्छे उम्मीदवार को मौका देने पर विचार किया गया. कांग्रेस के लिए सीटों की संख्या महत्वपूर्ण नहीं है. हमारी कोशिश सम्मानजक सीट हासिल कर अधिक से अधिक सीट पर जीत सुनिश्चित करना है. ताकि बिहार में बदलाव लाया जा सके.

