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Coal Scam Case: सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 3 साल की सजा सुनाई, फिर जमानत भी मिल गयी

नयी दिल्ली : सीबीआई की एक विशेष अदालत (Special CBI Court) ने 21 साल पुराने कोयला घोटाला मामले (Coal Scam Case) में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) को 3 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दो और दोषियों को भी तीन साल कैद की सजा (3 years imprisonment) सुनाई गयी है. सजा के साथ-साथ तीनों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके ठीक बाद विशेष अदालत ने तीनों को एक-एक लाख मुचलके पर जमानत दे दी है. साथ ही हाईकोर्ट (High Court) में अपील के लिए तीनोंको 25 नवंबर तक का समय दिया गया है.

नयी दिल्ली : सीबीआई की एक विशेष अदालत (Special CBI Court) ने 21 साल पुराने कोयला घोटाला मामले (Coal Scam Case) में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) को 3 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दो और दोषियों को भी तीन साल कैद की सजा (3 years imprisonment) सुनाई गयी है. सजा के साथ-साथ तीनों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके ठीक बाद विशेष अदालत ने तीनों को एक-एक लाख मुचलके पर जमानत दे दी है. साथ ही हाईकोर्ट (High Court) में अपील के लिए तीनोंको 25 नवंबर तक का समय दिया गया है.

दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (Atal Bihari Vajpayee) में कोयला मंत्री थी. यह मामला 1999 का है. मामला झारखंड के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडिहा कोल माइंस से जुड़ा है. दिलीप रे पर इसके आवंटन में अनियमितता के आरोप लगे थे. इस पूरे मामले में 4 लोग दोषी पाये गये थे. विशेष्ज्ञ न्यायाधीश जस्टिस भरत पराशर ने दिलीप रे को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी पाया था. जबकि दो और लोगों को धोखाधड़ी और साजिश रचने का दोषी पाया गया था. तीनों को आज सोमवार को सजा सुना दी गयी.

इसी मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी दोषी पाये गये थे. उन्हें तीन साल की जेल और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गयी थी. पूर्व खदान सचिव एच सी गुप्ता को भी तीन साल की जेल और एक लाख रुपये का जुमार्ना की सजा मिली थी. अब दिलीप रे को भी सजा सुना दी गयी है.

Also Read: कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला : कोड़ा पर मुकदमा के लिए सीबीआइ ने मांगी मंजूरी

दिलीप रे बिजू पटनायक के काफी करीबी माने जाते थे. दिलीप रे बिजू जनता दल के संस्थापक सदस्यों में एक रहे हैं. बाद में रे ने बीजद छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और 2014 में भाजपा की ही टिकट पर राउरकेला से चुनाव जीतकर विधायक बनें. 2019 की चुनाव में उन्होंन पीएम नरेंद्र मोदी पर वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भाजपा छोड़ दी. उसके बाद वे राजनीति से दूर ही रहे.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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